उतार-चढ़ाव के बाद भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज लगातार पाँचवे दिन गिरावट के साथ बंद हुए।
नवंबर महीने के निराशाजनक महँगाई दर आँकड़ों की वजह से बाजार पर दबाव बढ़ा, जिससे आरबीआई (RBI) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना बढ़ी है।
नवंबर माह में थोक महँगाई दर (डब्लूपीआई) बढ़ कर 7.52% रही है। जो कि 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। अक्टूबर 2013 में यह दर 7% रही थी, जबकि नवंबर 2012 में यह 7.24% दर्ज की गयी थी। दरअसल सब्जियों की महँगाई बढ़ने की वजह से इसमें बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गयी है।
सेंसेक्स (Sensex) 56 अंक यानी 0.27% की गिरावट के साथ 20,660 पर रहा। निफ्टी (Nifty) 14 अंक यानी 0.22% की कमजोरी के साथ 6155 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.42% की बढ़त रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.30% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.36% की बढ़त रही। आज के कारोबार में तेल-गैस और ऑटो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। हालाँकि कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही बाजार हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। इस दौरान सेंसेक्स 20,765 और निफ्टी 6183 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे। मजबूत यूरोपीय संकेतों के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार शुरू हो गया। नवंबर माह के निराशाजनक महँगाई आँकड़ों के आने के बाद बाजार बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। दोपहर के कारोबार में बाजार की गिरावट बढी। हालाँकि इसके बाद बाजार हरे निशान पर लौट आया लेकिन इस दौरान बाजार में एक बेहद सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार में गिरावट गहरायी। इस दौरान सेंसेक्स 20,638 और निफ्टी 6146 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में उतार-चढ़ाव के बाद गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज तेल-गैस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1.61% की गिरावट रही। ऑटो में 0.70%, एफएमसीजी में 0.49% और बैंकिंग में 0.05% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 1.56% की मजबूती रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.20%, टीईसीके में 1.03%, हेल्थकेयर में 0.81%, कैपिटल गुड्स में 0.44%, पावर में 0.33%, पावर में 0.33% और रियल्टी में 0.13% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 16 दिसंबर 2013)
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