कई समाचार माध्यमों में खबरें हैं कि आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Manglam Birla) वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में अपनी सारी हिस्सेदारी सरकार को दे देना चाहते हैं। प्रस्तुत हैं इस समाचार की मुख्य बातों के पंचसूत्र :
1. बताया जा रहा है कि कुमार मंगलम बिड़ला ने 7 जून को कैबिनेट सचिव राजीव गॉबा को पत्र लिख कर वोडाफोन आइडिया (Vi) में हिस्सेदारी किसी पीएसयू, सरकारी निकाय या घरेलू वित्तीय संस्था को सौंप देने के इच्छुक हैं, जिससे यह कंपनी अपना कामकाज जारी रख सके।
2. वोडाफोन आइडिया में आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 27% से अधिक और वोडाफोन पीएलसी की हिस्सेदारी 44% से अधिक है।
3. वोडाफोन आइडिया पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें स्पेक्ट्रम संबंधी देनदारी और ऐडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की देनदारी शामिल है।
4. वोडाफोन पीएलसी ने वोडाफोन इंडिया में अपने निवेश को बट्टे खाते (राइट ऑफ) में डाल दिया है। दोनों ही प्रमोटर कंपनी में नया निवेश करने के लिए तैयार नहीं हैं और कंपनी को कोई नया निवेशक नहीं मिल रहा है।
5. कुमार मंगलम बिड़ला के पत्र के अनुसार टेलीकॉम बाजार में तीन खिलाड़ी होने पर सरकारी नीति, एजीआर देनदारी और स्पेक्ट्रम भुगतान के स्थगन और सेवा लागत पर न्यूनतम मूल्य व्यवस्था (floor pricing regime) लागू करने - इन तीन मुद्दों पर स्पष्टता के बिना संभावित विदेशी निवेशक कंपनी में निवेश करने से हिचक रहे हैं।
(शेयर मंथन, 02 अगस्त 2021)
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