भारतीय शेयर बाजार गुरुवार, 7 अक्टूबर को अच्छी मजबूती के साथ चला। इसने सुबह ही बढ़त के साथ कारोबार आरंभ किया और पूरे दिन मजबूत बना रहा। हालाँकि दोपहर में दिखे ऊपरी स्तरों की तुलना में अंत में बाजार की तेजी कुछ हल्की पड़ी।
बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) 488 अंक या 0.82% की वृद्धि दिखायी और 59,678 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) भी 144 अंक या 0.82% ऊपर चढ़ कर 17,790 पर पहुँचा। छोटे-मँझोले सूचकांकों में कहीं ज्यादा तेज उछाल दर्ज हुई। जहाँ बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) ने 1.68% की तेजी दिखायी, वहीं एनएसई मिडकैप 50 (NSE Midcap 50) की उछाल 2.34% की रही। बीएसई स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 1.38% और एनएसई स्मॉलकैप 100 (NSE Smallcap 100) में 1.22% की मजबूती रही।
आरबीआई (RBI) की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की समीक्षा बैठक से ठीक पहले बाजार में यह उछाल कई विश्लेषकों की नजर में चौंकाने वाली रही। बाजार विशेषज्ञ अंबरीश बालिगा (Ambareesh Baliga) का मानना है कि आरबीआई अपनी रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) बढ़ा सकता है, इसलिए बाजार की यह उछाल आश्चर्यजनक रही, लेकिन टाटा मोटर्स ने बाजार की मदद की।
दरअसल टाटा मोटर्स के शेयर में आज 12% की जबरदस्त तेजी रही। बीएसई में यह 40.40 रुपये उछल कर 376.40 रुपये पर बंद हुआ। यदि सेंसेक्स के शेयरों को देखें, तो टाइटन ने 10.7% की शानदार बढ़त हासिल की। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (5.3%), मारुति (4.0%), इंडसइंड बैंक (3.1%), सन फार्मा (2.8%) और एशियन पेंट्स (2.4%) सबसे तेजी वाले अन्य सेंसेक्स शेयर रहे। दूसरी ओर सेंसेक्स के सबसे कमजोर शेयर रहे डॉ. रेड्डीज (-1.3%), बजाज फिनसर्व (-0.9%), एचडीएफसी (-0.7%), नेस्ले (-0.5%), हिंदुस्तान यूनिलीवर (-0.5%) और एनटीपीसी (-0.4%)।
बाजार विश्लेषक आशीष कुकरेजा (Ashish Kukreja) का कहना है कि आरबीआई की नीति में सख्त रुख अपनाये जाने की संभावना पर बाजार की प्रतिक्रिया पहले ही आ चुकी है। साथ ही आँकड़े अभी भी महँगाई दर (इन्फ्लेशन) के दबाव का समर्थन नहीं कर रहे हैं। कुकरेजा का मानना है कि आरबीआई की नीतिगत समीक्षा के बाद भी बाजार में मजबूती का रुझान जारी रह सकता है।
हालाँकि बाजार में बहुत-से विश्लेषक मौद्रिक नीति में सख्ती की संभावना नहीं देख रहे हैं। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ (Abheek Barua) कहते हैं, 'हम आशा कर रहे हैं कि आरबीआई अपना उदार (accommodative) रुख जारी रखेगा और रिवर्स रेपो दर में कोई वृद्धि नहीं करेगा, जो अभी प्रभावी नीतिगत दर है।' आरबीआई की इस नीतिगत समीक्षा को लेकर उनका आकलन है कि इसमें जीडीपी अनुमान नहीं बदला जायेगा, जबकि महँगाई दर का अनुमान कुछ घटाया जा सकता है। खाद्य कीमतें नीचे आने के कारण आरबीआई महँगाई दर के अनुमान को 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए 5.9% और तीसरी तिमाही के लिए 5.3% के पिछले अनुमान से घटा सकता है। बरुआ का आकलन है कि महँगाई दर दूसरी तिमाही में 5.1% और तीसरी तिमाही में 4.8% रह सकती है और पूरे वित्त वर्ष की औसत महँगाई दर 5.35% रह सकती है। (शेयर मंथन, 7 अक्टूबर 2021)
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