बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज फार्मा कंपनी बायोकॉन के दूसरी तिमाही में मुनाफे में गिरावट देखने को मिली है। कंसोलिडेटेड मुनाफा 11 फीसदी गिर कर 168 करोड़ रुपए रह गया है।
साथ ही कंपनी के बोर्ड ने फंड जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। मुनाफे में कमी की वजह कंपनी के कुल खर्च में बढ़ोतरी रही है।ऑपरेशनल आय 1,840 करोड़ रुपये से बढ़कर 2320 करोड़ रुपये दर्ज हुआ है। कंपनी के कुल खर्च में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले में खर्च 1,619 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,110 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
कंपनी की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि कंसोलिडेटेड आधार पर मजबूत आय दर्ज हुआ है। कंपनी के मुताबिक बायोसिमिलर कारोबार में 34 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। वहीं रिसर्च सर्विस में 26 फीसदी तो जेनरिक कारोबार में 18 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में प्रदर्शन बेहतर रहेगा। क्षमता विस्तार के अलावा नए दवाइयों के बाजार में लाने की योजना से कंपनी के एपीआई (API) और फॉर्मूलेशन कारोबार को और गति मिलेगी। इससे सिंजिन को पूरे साल के लिए गाइडेंस को हासिल करने में मदद मिलेगी। वायट्रिस के वैश्विक बायोसिमिलर कारोबार के कंसोलिडेशन के साथ सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन को लेकर रणनीतिक करार से मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बायोसिमिलर कारोबार में वृद्धि देखने को मिलेगी।
वायट्रिस और सीरम इंस्टीट्यूट के साथ सौदा पूरा होने के बाद बायोकॉन बायोलॉजिक्स में बायोकॉन की 68 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। कंपनी के मुताबिक तीसरी तिमाही के अंत तक सीरम के साथ वैक्सीन को लेकर करार पूरा हो जाएगा। पिछले साल सितंबर में सीरम और बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने करार का ऐलान किया था।
(शेयर मंथन 15 नवंबर, 2022)
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