नवंबर के अंत तक म्यूचुअल फंड के एसेट में जोरदार उछाल देखा गया है।
अब यह बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। तरल योजनाओं में मजबूत प्रवाह की वजह से पिछले महीने की तुलना में 8% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। इसके साथ ऐम्फी को उम्मीद है कि कई निवेशक म्यूचुअल फंड को अगले वर्ष अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए अपने पसंदीदा विकल्प के रूप में चुनेंगे।
ऐम्फी के मुख्य कार्यकारी एनएस वेंकटेश ने कहा, "चूंकि भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है और मुद्रास्फीति की दर धीमी हो रही है, इसलिए निकट भविष्य में इक्विटी के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। हमें आशा है कि अगले वर्ष, कई निवेशक म्यूचुअल फंड को अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए अपने पसंदीदा विकल्प के रूप में चुनेंगे।"
पिछले साल नवंबर में सभी फंड हाउसों की कुल एसेट 22.79 लाख करोड़ रुपये थी।
नवीनतम प्रवाह मुख्य रूप से तरल निधि, इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाओं के योगदान से प्रेरित है।
पिछले कई महीनों में सोने के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) ने 10 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह देखा गया। इसके विपरीत, आय फंडों में 6,518 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गयी।
कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड योजनाओं में नवंबर में 1.42 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ, जो पिछले महीने 35,500 करोड़ रुपये से बहुत अधिक निवेश था। (शेयर मंथन, 08 दिसंबर 2018)