राजीव रंजन झा : पल में तोला पल में माशा, अभी अर्श पर अभी फर्श पर - यह हाल केवल भारतीय शेयर बाजार की मनोदशा का नहीं, बल्कि सारी दुनिया में कारोबारियों का उत्साह कुछ इसी तरह कलाबाजियाँ खा रहा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व टैपरिंग करेगा या नहीं, यानी क्यूई-3 के नाम से प्रसिद्ध अपने कार्यक्रम के तहत बांडों की 85 अरब डॉलर की मासिक खरीद में धीरे-धीरे कटौती करेगा या नहीं, इस बारे में सुर्खियाँ मानो हर 12 घंटे में उलटती-पुलटती रहती हैं। एक दिन पता चलता है कि टैपरिंग अभी नहीं होने की उम्मीदों के चलते अमेरिकी बाजार में उत्साह है, अगली ही सुबह पता चलता है कि फिर कोई नया बयान आया है जिससे टैपरिंग जल्दी होने की आशंका बनी है और तमाम अंतरराष्ट्रीय बाजार ठंडे हैं।
खबरें चाहे अच्छी हों या बुरी, चाहे जितनी भी व्यापकता वाली हों, उनका असर अब दिनों तक नहीं, घंटों तक सीमित हो गया है। परमाणु हथियारों का निर्माण नहीं करने को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच समझौते के चलते दुनिया भर के बाजारों में कुछ उत्साह दिखा, मगर अगले ही दिन सब ठंडा।
भारतीय बाजार में आज ऐसा दिख रहा है मानो सोमवार का सारा उत्साह एकदम पलट गया हो। हालाँकि कल जिस तरह से निफ्टी में 2% की बड़ी उछाल आयी, वह सारा फायदा पलट गया हो ऐसा नहीं है। मगर बाजार में कारोबारियों का उत्साह जरूर पलटता दिखा है।
दीपावली के दिन मुहुर्त कारोबार से अब तक बाजार जिस ढंग से चला है, उससे यह अंदेशा लगता है कि कहीं इसने नीचे फिसलने की एक पट्टी तो नहीं बना ली है। आज अगर निफ्टी पिछले दिन के ऊपरी स्तर 6123 को पार कर पाता तो यह अंदेशा कट सकता था, मगर ऐसा नहीं हो पाया।
आज बाजार फिसलने का एक मतलब यह भी हो सकता है कि मुहुर्त कारोबार के दिन 6342 का शिखर बनाने के बाद निफ्टी ने पहले 6212 पर निचला शिखर बनाया और इसके बाद कल 6123 पर कहीं एक नया निचला शिखर तो नहीं बना लिया। यह अंदेशा कटने के लिए जरूरी होगा कि निफ्टी अगले एक-दो सत्रों में 6123 पार कर ले। वहीं अगर यह 5972 के नीचे चला गया तो 6123 पर एक और निचला शिखर बनने की पुष्टि हो जायेगी।
पिछले दोनों हफ्तों में निफ्टी ने ठीक 5972 पर सहारा लिया जो इसके लिए लंबी अवधि के चार्ट पर भी एक महत्वपूर्ण स्तर है। आने वाले दिनों में इस बात पर खास नजर रखनी होगी कि निफ्टी 5972 के सहारे का कितना सम्मान करता है। इसके नीचे जाना बाजार के लिए छोटी से मध्यम अवधि में खतरनाक हो सकता है।
Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 26 नवंबर 2013)
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