मुझे उम्मीद है कि अगले दो वर्ष भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छे रहेंगे।
कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं होना बाजार की सबसे बड़ी चिंता है, जबकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, कच्चे तेल की घटती कीमतें, एफआईआई निवेश और सुशासन बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। शर्मिलाजोशी, निवेशसलाहकार, चेशायरइन्वेस्टमेंटएडवाइजर्स (Sharmila Joshi, Investment Advisor, Chesire Investment Advisors)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)