अगले 2-3 सालों में भारतीय शेयर बाजार बहुत अच्छा लाभ देगा।
मुझे अगले साल बजट के बाद और जून तक बाजार में कुछ गिरावट की संभावना दिखती है, जो अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ाये जाने के कारण आ सकती है। हालाँकि इस गिरावट से अगली ऊपरी चाल के लिए एक और मजबूत आधार बनेगा, क्योंकि सरकार के मौजूदा और आगामी कदमों से आने वाले समय में विकास दर तेज होगी।
फिलहाल, भारतीय शेयर बाजार के लिए वैश्विक परिदृश्य ही चिंता का सबसे बड़ा कारण है। चीन में विकास धीमा होने का डर, यूरोप में नकारात्मक महँगाई दर आदि भी बाजार के लिए चिंताजनक हैं। इसके अलावा, भारत में नये साल में ब्याज दरों में कटौती होने से ऊँची महँगाई दर का जोखिम एक बार फिर बढ़ सकता है, खास कर बेस इफेक्ट यानी ऊँचे आधार का असर हटने के बाद। वहीं, कच्चे तेल और कच्चे माल की कीमतों में कटौती के साथ-साथ सरकार का विकास केंद्रित एजेंडा भी बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। नीरज दीवान, निदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीज (Neeraj Diwan, Quantum Securities)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)