नकारात्मक वैश्विक संकेतों और रुपये में भारी गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा बांड खरीद कार्यक्रमों को घटाये जाने के संकेतों से घरेलू बाजार में तीखी गिरावट दर्ज हुई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में भारी गिरावट से भी बाजार पर दबाव बढ़ा।
सितंबर 2011 के बाद यह बाजार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही है।
सेंसेक्स (Sensex) 19,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) 5700 के स्तर से नीचे रहा।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 526 अंक यानी 2.74% की गिरावट के साथ 18,719 पर बंद हुआ। निफ्टी 166 अंक यानी 2.86% की गिरावट के साथ 5656 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 2.43% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.93% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.72% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और धातु क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। निफ्टी 5800 के स्तर से नीचे खुला। कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 19,000 के स्तर से नीचे चला गया। कारोबार के पहले घंटे में ही बाजार में गिरावट बढ़ी। निफ्टी 5700 के स्तर से भी नीचे फिसल गया। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। निफ्टी 5700 के स्तर के ऊपर-नीचे होता रहा। यूरोपीय बाजारों के कमजोरी पर खुलने से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। निफ्टी आखिरकार 5700 के स्तर से नीचे फिसल गया। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार लुढ़कता चला गया। इस दौरान सेंसेक्स 18,687 और निफ्टी 5646 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में तीखी गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 5.18% का घाटा हुआ। धातु में 4.63%, बैंकिंग में 3.98%, पावर में 3.29%, तेल-गैस में 3.06%, कैपिटल गुड्स में 2.94%, पीएसयू में 2.76%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.46%, टीईसीके में 2.30%, आईटी में 2.14%, ऑटो में 1.77% और एफएमसीजी में 1.66% की गिरावट रही। हेल्थकेयर में 0.67% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 20 जून 2013)
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