शेयर मंथन में खोजें

रिजर्व बैंक (RBI) ने 52 महीनों बाद रेपो दरों में किया पहला इजाफा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दरों में 0.25% अंक की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रेपो दर (Repo Rate) 6% से बढ़ कर 6.25% हो गयी है।

नीतिगत दरों को निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वानुमति से दरें बढ़ाने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने 52 महीनों के बाद अपनी नीतिगत दरों को बढ़ाया है। रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि ऋण देता है, जिससे उनके ऋणों की दरें प्रभावित होती हैं।
हालाँकि यह बढ़ोतरी बाजार के अनुमान के अनुरूप ही है। इस बीच केंद्रीय बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) को लेकर अपना अनुमान भी संशोधित किया है। दरों में बढ़ोतरी का यह फैसला मुख्य रूप से महँगाई को ध्यान में रख कर लिया गया है। रिजर्व बैंक ने इस नीतिगत समीक्षा में कहा है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ा सकती हैं। तेल की कीमतें बढ़ने से माल ढुलाई की कीमतें बढ़ने का असर भी आपूर्ति श्रंखला पर पड़ता है, जिससे महँगाई बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक ने मुद्रास्फीति के लिए अपने अनुमान को संधोधित करते हुए 4.8% से 4.9% प्रतिशत किया है। दूसरी छमाही के लिए उसका अनुमान 4.7%का है। हालाँकि चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.4% वृद्धि के अपने अनुमान में उसने कोई परिवर्तन नहीं किया है। (शेयर मंथन, 06 जून 2018)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"