चालू वित्त-वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के तीन महीनों में भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) 13.5% रही है, हालाँकि यह अनुमानों से कुछ कम है।
इसी महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहली तिमाही में 16.2% विकास दर रहने का अनुमान प्रस्तुत किया था। अनुमानों से कुछ कम रहने के बाद भी बीती चार तिमाहियों में यह सबसे तेज वृद्धि दर है। इसमें कृषि और सेवा (सर्विसेज) क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन का योगदान है। जहाँ अप्रैल-जून 2021 तिमाही में 20.10% वृद्धि दर हासिल हुई थी, वहीं इसके बाद जुलाई-सितंबर 2021 में 8.40%, अक्तूबर-दिसंबर 2021 में 5.40% और जनवरी-मार्च 2022 में 4.10% विकास दर रही थी।
इन आँकड़ों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज बनी हुई है। अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में चीन की विकास दर केवल 0.4% रही है। अप्रैल-जून 2022 में भारत की ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (GVA) 12.7% बढ़ कर 34.41 लाख करोड़ रुपये पर पहुँची है। कृषि क्षेत्र की जीवीए पिछले वित्त-वर्ष की पहली तिमाही में दर्ज 2.2% वृद्धि दर के मुकाबले इस वित्त-वर्ष की पहली तिमाही में 4.5% बढ़ी है। मगर मैन्युफैक्चरिंग जीवीए वृद्धि दर 49% से घट कर 4.8% रह गयी है। इसी तरह खनन (माइनिंग) जीवीए वृद्धि 18% से घट कर 6.5% पर आ गयी।
बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य यूटिलिटी क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर 13.8% की तुलना में इस बार 14.7% रही है। कंस्ट्रक्शन जीवीए वृद्धि दर 71.3% से घट कर 16.8% रह गयी है। खनन (माइनिंग) जीवीए में वृद्धि 18% से घट कर 6.5% की रही। सेवा (सर्विसेज) क्षेत्र के जीवीए में वृद्धि दर 34.3% से घट कर 25.7% पर आ गयी।
वित्त, रियल एस्टेट एवं पेशेवर सेवाएँ क्षेत्र की वृद्धि दर 2.3% से बढ़ कर 9.2% हो गयी है। वहीं लोक प्रशासन एवं रक्षा क्षेत्र के बढ़ने की दर 71.3% से 16.8% पर आ गयी। खनन (माइनिंग) जीवीए वृद्धि दर 18% से घट कर 6.5% रह गयी। सेवा (सर्विसेज) क्षेत्र के जीवीए की वृद्धि दर 34.3% से घट कर 25.7% हो गयी।
अप्रैल-जून 2021 तिमाही में 20.10% वृद्धि दर के मुकाबले अप्रैल-जून 2022 में 13.5% विकास दर की तुलना करते समय ध्यान रखना चाहिए कि अप्रैल-जून 2021 में हासिल विकास दर उससे पिछले साल कोविड के चलते अप्रैल-जून 2020 में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट से वापस सँभलने की वजह से थी। भारत की रियल जीडीपी (2021-12 के आधार वर्ष से नियत मूल्यों के अनुसार) के आँकड़ों को देखें तो अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह 23.80% घट कर 27.03 लाख करोड़ रुपये पर रही थी। अप्रैल-जून 2021 में रियल जीडीपी 20.10% बढ़ कर 32.46 लाख करोड़ रुपये हुई। इस बार अप्रैल-जून 2022 में यह 13.50% बढ़ कर 36.85 लाख करोड़ रुपये पर पहुँची है।
नामित या नोमिनल जीडीपी (वर्तमान मूल्यों के आधार पर) के आँकड़े देखें तो अप्रैल-जून 2020 की तुलना में अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में 32.40% वृद्धि के साथ 51.27 लाख करोड़ रुपये की नोमिनल जीडीपी रही थी। उसकी तुलना में अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में 64.95 लाख करोड़ रुपये की नोमिनल जीडीपी रही है और इसमें वार्षिक आधार पर 26.70% की वृद्धि हुई है। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2022)