अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources' Ltd) कथित तौर पर ड्यूश बैंक (Deutsche Bank) और जेपी मॉर्गन (JPMorgan) और बार्कलेज (Barclays) सहित अन्य वैश्विक उधारदाताओं के साथ 50 से 60 करोड़ डॉलर का ऋण जुटाने के लिए बातचीत कर रही है।
कंपनी का लक्ष्य अपनी जिंक इंटरनेशनल यूनिट के माध्यम से पैसा उधार लेना है। आगामी 31 मई को परिपक्व हो रहे 7.125% बॉन्ड पर 50 करोड़ डॉलर का पुनर्भुगतान बकाया है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है कि वेदांता वर्तमान में ड्यूश बैंक और जेपी मॉर्गन और बार्कलेज सहित अन्य वैश्विक बैंकों के साथ चर्चा कर रही है, ताकि फैरालोन से ऋण की तुलना में छोटा ऋण हासिल किया जा सके। कंपनी 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए वैश्विक बैंकों के साथ बातचीत कर रही थी।
इसके अलावा, उधारदाताओं ने बड़े ऋण के लिए वेदांता लिमिटेड से गारंटी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था, जिसके लिए वेदांता ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी माँगी है। इसके अलावा, कंपनी जून तिमाही के 1.8 अरब डॉलर के ऋण दायित्वों को पुनर्वित्त करने के लिए बैंकों और क्रेडिट फंडों के साथ बातचीत कर रही थी। इसने अप्रैल में 40 करोड़ डॉलर के पुनर्भुगतान को पूरा करने के लिए इकाइयों से लाभांश पर भरोसा किया। पिछले महीने वीआरएल ने हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) से लाभांश के रूप में करीब 60 करोड़ डॉलर हासिल किए थे।
वेदांता ने बंबई शेयर बाजार (BSE) को भेजी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल की बैठक सोमवार 22 मई 2023 को प्रस्तावित है जिसमें इक्विटी शेयरों पर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहले अंतरिम लाभांश पर विचार किया जाएगा और उसे मंजूरी दी जाएगी। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में वेदांता का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 68% घट गया।
(शेयर मंथन, 18 मई 2023)