शेयर मंथन में खोजें

एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स

वोडाफोन और रिलायंस निप्पॉन के शेयर कहाँ तक जायेंगे : विजय भूषण और राजेश अग्रवाल की सलाह

अरविंद पटेल, मुंद्रा (कच्छ) : वोडाफोन आइडिया (Vodaphone Idea) और रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (Reliance Nippon Life Asset Management) के शेयरों के भाव कहाँ तक जाने की आशा है? मैंने इसी 19 नवंबर को इन्हें खरीदा है।

विजय भूषण, निदेशक, भारत भूषण इक्विटी ट्रेडर्स : मेरी सलाह होगी कि वोडाफोन आइडिया का शेयर भाव 10 रुपये पर जाने पर इसे बेच कर मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए। वहीं रिलायंस निप्पॉन का शेयर अभी रखे रहना चाहिए। रिलायंस निप्पॉन का लक्ष्य छोटी अवधि में 375 रुपये का बनता है। लंबी अवधि में इसका लक्ष्य आगे इसके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। मेरा मानना है कि यह अपने बुरे दौर को पीछे छोड़ चुका है।
वोडाफोन आइडिया का 25,000 करोड़ रुपये का पिछला राइट इश्यू 12.50 रुपये के भाव पर आया था। उस समय तो इसका बाजार भाव करीब 30 रुपये था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद यह शेयर बिल्कुल बैठ गया। वहाँ से लोगों ने इसका भाव 3 रुपये के नीचे गिरते हुए भी देख लिया। मुझे लगता है कि जैसे ही इसका भाव वापस दो अंकों में लौटेगा तो फिर से इसमें बिकवाली चालू हो जायेगी। इसलिए मुझे लगता है कि निवेशक को 10 रुपये का भाव आ जाने पर ही इससे निकल जाना चाहिए, क्योंकि इसका 12.50 रुपये के ऊपर जाना मुश्किल होगा।
रिलायंस निप्पॉन का प्रबंधन अब पूरी तरह निप्पॉन के पास है। म्यूचुअल फंड उद्योग में आने वाली वृद्धि का लाभ इस कंपनी को आगे मिलेगा ही। हालाँकि इस क्षेत्र में मूल्य-आय (प्राइस-अर्निंग या पीई) अनुपात देखें तो कुछ ऊँची ही है। अभी तो इसके अलावा इस उद्योग में एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट ही अभी सूचीबद्ध (लिस्टेड) है। आगे यूटीआई के सूचीबद्ध होने की बात है। यह ध्यान रखना होगा कि म्यूचुअल फंड उद्योग पहले जिस गति से बढ़ रहा था, अब उतनी तेज वृद्धि नहीं रह गयी है। इसलिए लंबी अवधि में इसके प्रदर्शन पर नजर रखनी होगी।
अस्वीकरण (Disclaimer): वोडाफोन और रिलायंस निप्पॉन दोनों ही शेयरों में मेरा निवेश है।
राजेश अग्रवाल, रिसर्च प्रमुख, एयूएम कैपिटल : वोडाफोन आइडिया के लिए मेरी सलाह है कि इसे 9 रुपये के लक्ष्य के साथ रखे रहें। पिछले महीने के दौरान ही वोडाफोन आइडिया को 25.7 लाख ग्राहक गँवाने पड़े हैं। इसने एजीआर के मुद्दे की वजह से बीती तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। लेकिन सरकार ने स्पेक्ट्रम के बकाया भुगतान में राहत देने की घोषणा की है। कंपनी का नकद प्रवाह एक बड़ी चिंता का विषय है। हालाँकि कॉल दरों या मासिक शुल्कों में वृद्धि से इसे कुछ राहत मिलेगी।
रिलायंस निप्पॉन को या तो रखे रहें या इसमें कुछ नयी खरीदारी भी कर सकते हैं। यह भारत की पाँचवीं सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। अब निप्पॉन ने कंपनी में एडीएजी समूह की हिस्सेदारी खरीद ली है, जिससे निप्पॉन की हिस्सेदारी बढ़ कर 75% हो गयी है। इसने दूसरी तिमाही में 137 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया है, जो साल-दर-साल 20% बढ़ा है। लंबी अवधि के लिए इसे खरीद कर रखा जा सकता है।
अस्वीकरण (Disclaimer): वोडाफोन और रिलायंस निप्पॉन में मेरा अपना निवेश नहीं है, लेकिन रिलायंस निप्पॉन में खरीदारी की सलाह ग्राहकों को दी गयी है।
(शेयर मंथन, 21 नवंबर 2019)

(आप भी किसी शेयर, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी आदि के बारे में जानकारों की सलाह पाना चाहते हैं, तो सवाल भेजने का तरीका बहुत आसान है! बस, हमारे व्हाट्सऐप्प नंबर +911147529834 पर अपने नाम और शहर के नाम के साथ अपना सवाल भेज दें।)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"