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रुपये को मजबूत करने के लिए आरबीआई ने झोंक दिये इतने डॉलर, सरकार ने सदन में दिया जवाब

बीते कई महीनों से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये की गिरावट को थामने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी संसद में दी।  

संसद में रिपोर्ट, काम आरबीआई के

संसद में पेश वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए पिछले साल के अंतिम तीन महीनों में खूब डॉलर बेचे। 77,699 करोड़ रुपये के डॉलर की बिक्री आरबीआई ने सिर्फ अक्टूबर 2024 में ही कर दी। इसके बाद नवंबर में ये संख्या और भी बड़ी हो गयी और आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार में से 1.70 लाख करोड़ रुपये के डॉलर की बिक्री की। दिसंबर 2024 में 1.28 लाख करोड़ रुपये की कीमत के डॉलर बेच दिए। हालाँकि इसी साल सितंबर में आरबीआई ने 80,549 करोड़ रुपये की कीमत के डॉलर की खरीदारी भी की थी।

वित्त मंत्रालय ने दी सफाई

रुपये की गिरावट पर वित्त मंत्रालय ने सफाई भी दी। कहा कि रुपये की कीमत बाजार तय करता है, उसमें सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। रुपये की गिरावट से निर्यात को तो फायदा मिलता है लेकिन आयात करने की लागत बढ़ जाती है। यानी देश जब अपना माल किसी दूसरे देश को बेचता है तो उसे बदले में ज्यादा डॉलर मिलते हैं लेकिन जब खरीदता है तो ज्यादा डॉलर देने भी पड़ते हैं। इससे चीजें महँगी हो जाती हैं। अगर बाहर से माल महँगा आयेगा तो देश में उसे खरीदने के लिए दाम भी ज्यादा चुकाने होंगे। रुपये में जारी लगातार गिरावट के बाद भी वित्त मंत्रालय की दलील है कि इस गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। लंबी अवधि में इस गिरावट से देश की अर्थव्यवस्था को कोई खतरा नहीं है।

घट रहा है देश का विदेशी मुद्रा भंडार

देश के खजाने में बीते कई महीनों से लगातार गिरावट जारी है। आरबीआई के आँकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2025 के अंतिम हफ्ते में इसमें 1.781 अरब डॉलर की कमी आयी है और ये घटकर 638.698 अरब डॉलर पर आ गया है। इससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 में 704.89 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुँचने के बाद से इसमें गिरावट देखने को मिल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये गिरावट आरबाई के लगातार डॉलर बेचने के कारण आई है।

(शेयर मंथन, 12 मार्च 2025)

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