हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतें शुक्रवार को 8 सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुँच गयी, लेकिन उच्च स्तर से मुनाफा वसूली के कारण इसमें भारी गिरावट देखी गयी। यदि कीमतें 7,780 रुपये के स्तर के तत्काल बाधा को पार करती है तो यह 7,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
हाजिर बाजार में घरेलू व्यापारियों की ओर से माँग में बढ़ोतरी हो रही है। पूरे दक्षिण भारत के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई है जो अच्छी फसल के लिए फायदेमंद होगी। आम तौर पर, हल्दी के निर्यात में जुलाई के बाद कमी देखी जाती है जिससे किसी भी महत्वपूर्ण माँग को सीमित करती है।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में पिछले हफ्ते निचले स्तरों से कुछ बढ़ोतरी हुई है लेकिन 13,500 रुपये के स्तर से तेज गिरावट हुई है। साप्ताहिक और दैनिक चार्ट पर अभी भी गिरावट का रुख है। वर्तमान में, कीमतों को 13,200 रुपये के स्तर पर सहारा और 13,550 रुपये पर अहम रुकावट है। त्योहारों के मौसम से पहले अपने स्टॉक को भरने के लिए व्यापारियों की ओर से कुछ माँग हुई है, इसलिए प्रमुख मंडी-ऊँझा और राजकोट में कीमतें पिछले सप्ताह बढ़ी हैं। गुजरात में जीरा के बेंचमार्क बाजार ऊँझा में, पिछले सप्ताह औसत आवक 8,000-9,000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) रही है। एक्सचेंज गुणवत्ता वाला जीरा 13,600 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर बेचा गया था, जो पिछले सप्ताह से 200 रुपये अधिक रहा।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में शुक्रवार को 3 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी, लेकिन उच्च स्तर से मुनाफा वसूली के कारण इसमें भारी गिरावट दर्ज की गयी। अब तत्काल अड़चन 7,500 रुपये के स्तर पर जबकि सहारा 6,750 रुपये के स्तर पर दिख रहा है। उत्पादक क्षेत्रों में बारिश से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण हाजिर बाजार में पिछले सप्ताह कोटा मंडी में धनिया की कीमतों में लगभग 8-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आने वाले हफ्रतों में त्योहारों की अच्छी माँग की उम्मीद से माँग बढ़ने की संभावना है। (शेयर मंथन, 09 अगस्त 2021)
Add comment