मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रही और ये लगातार दूसरे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए, निफ्टी 50 23,431 के स्तर पर 0.4% नीचे रहा, क्योंकि वैश्विक सूचकांक में कमजोरी ने भावनाओं पर दबाव डाला।
वित्तीय, फार्मा और ऊर्जा शेयरों में गिरावट ने आईटी में बढ़त को ढक दिया, निफ्टी आईटी सूचकांक लाभ वाला एकमात्र क्षेत्रीय सूचकांक रहा, जो 3.6% बढ़ा। तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 12% लाभ वृद्धि की घोषणा के बाद टीसीएस के स्टॉक में 5% की बढ़त दर्ज की गयी, जिससे इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत मिले।
रुपये ने कुछ समय के लिए 85.94 का नया निचला स्तर छुआ, जिससे आईटी रैली को बढ़ावा मिला। व्यापक बाजारों ने कमजोर प्रदर्शन किया, निफ्टी स्मॉलकैप 100 और मिडकैप 100 में क्रमशः 1.7% और 1.4% की गिरावट आई।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2023-24 में 7.2% के मुकाबले 2025 में 4 साल के निम्न स्तर 6.4% पर रहने का अनुमान जताया जा रहा है, जिससे बाजार में सतर्कता को बढ़ावा मिला। निवेशक आगे के मार्गदर्शन के लिए अमेरिका के आज आने वाले गैर-कृषि पेरोल आँकड़ाें पर करीबी से नजर रखेंगे। इसके अलावा सोमवार को जारी होने वाले भारत के सीपीआई आँकड़े अहम कारक होंगे।
(शेयर मंथन, 10 जनवरी 2025)
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