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2024 में बना पैसे जुटाने का कीर्तिमान, कंपनियों ने शेयरों और ऋण से जुटाये 15 लाख करोड़ रुपये

भारतीय कंपनियों ने बीते साल के दौरान शेयरों की बिक्री और ऋण के माध्यम से पूँजी जुटाने का नया कीर्तिमान बना दिया। प्राइम डेटाबेस के आँकड़ों के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने 2024 में शेयरों की बिक्री और ऋण दोनों से 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की पूँजी जुटाने में सफलता हासिल की।

यह इससे पहले के किसी भी साल के दौरान जुटायी गयी कुल पूँजी की तुलना में ज्यादा है। आँकड़ों के अनुसार, 2024 में भारतीय कंपनियों ने सिर्फ शेयर बेचकर 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की पूँजी जमा की। कंपनियों ने शेयरों की सीधी बिक्री से 3.7 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटायी, जो एक साल पहले यानी 2023 की तुलना में 159% ज्यादा है।

साल 2023 में भारतीय कंपनियों ने इस रास्ते से 1.4 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा की थी। राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटायी रकम को जोड़ने पर 2024 का आँकड़ा 4 लाख करोड़ रुपये के पार निकल जाता है। 2024 में भारतीय कंपनियों ने इस तरह 25,973 करोड़ रुपये जमा किये थे। यह शेयरों की बिक्री से किसी एक साल के दौरान पूँजी जुटाने का सबसे विशाल आँकड़ा है।

इसी तरह भारतीय कंपनियों ने ऋण के माध्यम से भी पूँजी जुटाने का नया कीर्तिमान बना दिया। आँकड़े बताते हैं कि 2024 में भारतीय कंपनियों ने इस रास्ते से 11.05 लाख करोड़ रुपये की पूँजी जुटायी।

इसमें 10.9 लाख करोड़ रुपये प्राइवेट प्लेसमेंट से आये, जबकि सार्वजनिक बॉन्ड से 11,625 करोड़ रुपये जुटाये गये। इसमें बुनियादी संरचना निवेश न्यास (इनविट) और रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) के आँकड़े भी शामिल हैं। इस तरह ऋण के माध्यम से जुटायी गयी पूँजी का आँकड़ा 2024 में 11 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया, जो इसका सर्वकालिक उच्च स्तर है।

प्राइम डेटाबेस का कहना है कि 2024 में पूँजी जुटाने के अभियान को आईपीओ से काफी मदद मिली। 2024 का साल आईपीओ के लिहाज से बेमिसाल साबित हुआ। पूरे साल में मेनबोर्ड पर 91 आईपीओ आये, जिनमें कंपनियों ने 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा की।

दूसरी ओर छोटी कंपनियों के करीब 240 आईपीओ (एसएमई आईपीओ) आये, जिनमें करीब 8,800 करोड़ रुपये जुटाये गये। यानी पूरे साल में बाजार में 330 से ज्यादा आईपीओ के माध्यम से 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाये गये। इससे पहले 2023 में भारतीय कंपनियों ने आईपीओ से लगभग 50 हजार करोड़ रुपये जुटाये थे। यानी आईपीओ से पूँजी जुटाने में बीते साल के दौरान 3 गुने से ज्यादा की तेजी आयी।

पिछले साल के दौरान सबसे बड़ा आईपीओ वाहन कंपनी ह्यूंदै इंडिया लेकर आयी। दक्षिण कोरियाई वाहन कंपनी की भारतीय इकाई ने 27,859 करोड़ रुपये का आईपीओ पेश किया था और इस तरह एलआईसी के सबसे बड़े आईपीओ का कीर्तिमान पीछे छूट गया।

साल के दौरान आये अन्य मुख्य आईपीओ में स्विगी का 11,327 करोड़ रुपये का और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का 4,275 करोड़ रुपये का आईपीओ भी शामिल रहा। 2024 का सबसे छोटा आईपीओ विभोर स्टील ट्यूब्स का रहा, जिसका आकार 72 करोड़ रुपये था। 2024 में आईपीओ का औसत आकार भी लगभग दोगुना हो गया और 1,756 करोड़ रुपये पर पहुँच गया। इससे पहले 2023 में आईपीओ का औसत आकार 867 करोड़ रुपये रहा था

(शेयर मंथन, 10 जनवरी 2025)

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