अमेरिकी बजट संकट के बावजूद कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक मजबूती के साथ बंद हुए।
शुरुआती कारोबार में अमेरिका में सरकारी खर्चों के लिए बजट पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा।
सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में हल्की बढ़ोतरी से बाजार को फायदा पहुँचा। अगस्त 2013 में कोर इंडस्ट्री ग्रोथ सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँचने से भी घरेलू बाजार को बल मिला।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 137 अंक यानी 0.71% की मजबूती के साथ 19,517 पर बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) 45 अंक यानी 0.78% चढ़ कर 5780 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.56% की मजबूती रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.57% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.47% की बढ़त रही। आज के कारोबार में रियल्टी और बैंकिंग क्षेत्रों में सबसे ज्यादा खरीदारी का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही बाजार बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। इस दौरान सेंसेक्स 19,265 और निफ्टी 5701 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। हालाँकि बाजार जल्दी ही हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। इसके बाद बाजार लाल निशान को लगभग छू गया। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार की मजबूती बढ़ी। दोपहर के कारोबार में बाजार में एक बेहद सीमित दायरे में कारोबार जारी रहा। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार की तेजी बढ़ी। इस दौरान सेंसेक्स 19,533 और निफ्टी 5786 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में मजबूती के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.69% का फायदा पहुँचा। बैंकिंग में 2.67%, कैपिटल गुड्स में 1.53% की मजबूती रही। ऑटो में 0.90%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.63%, टीईसीके में 0.39%, हेल्थकेयर में 0.28% और आईटी में 0.09% की बढ़त रही। एफएमसीजी में 0.05% की मामूली बढ़त रही। दूसरी ओर, तेल-गैस में 0.62% की गिरावट रही। पावर में 0.59%, धातु में 0.30% और पीएसयू में 0.18% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 01 अक्टूबर 2013)
Add comment