कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट बढ़ने से बाजार पर दबाव बढ़ा।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 42 अंक यानी 0.20% की कमजोरी के साथ 20,684 पर बंद हुआ। निफ्टी 19 अंक यानी 0.32% की गिरावट के साथ 6145 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.99% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.51% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.47% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और कैपिटल गुड्स क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। शुरुआती कारोबार से ही बाजार में एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान बाजार में गिरावट बढ़ती चली गयी। सेंसेक्स 20,623 और निफ्टी 6126 दिन के निचले स्तरों तक चले गये। हालाँकि दोपहर के कारोबार में बाजार में जोश आया। इस दौरान बाजार हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। सेंसेक्स 20,782 और निफ्टी 6175 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये। इसके बाद बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा, लेकिन बाजार ज्यादा देर तक अपनी मजबूती बरकरार नहीं रख पाया और बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसला। इस दौरान बाजार में एक बार फिर उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। कारोबार के आखिरी मिनटों में बाजार में गिरावट बढ़ी। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.27% का घाटा हुआ। कैपिटल गुड्स में 1.61%, धातु में 1.22% और ऑटो में 1.19% की गिरावट रही। एफएमसीजी में 0.93%, हेल्थकेयर में 0.80%, पीएसयू में 0.54%, तेल-गैस में 0.49%, पावर में 0.48% और बैंकिंग में 0.12% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 1.54% की मजबूती रही। टीईसीके में 0.98% और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.25% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 25 अक्टूबर 2013)
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