ब्याज दरें बढ़ने की संभावना से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
आरबीआई (RBI) द्वारा ब्याज दरें बढ़ानें की संभावनाओं से बाजार पर दबाव बढ़ा।
कारोबार के दौरान निफ्टी (Nifty) 6100 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया। हालाँकि कारोबार के अंत में यह इस स्तर से ऊपर बंद हुआ।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 113 अंक यानी 0.55% की गिरावट के साथ 20,570 पर बंद हुआ। निफ्टी 44 अंक यानी 0.71% गिर कर 6101 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.83% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.76% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.49% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में एफएमसीजी और रियल्टी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
सकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बाजार में मजबूती बढ़ी। इस दौरान सेंसेक्स 20,771 और निफ्टी 6169 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये, लेकिन इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की मजबूती भी कम होती चली गयी। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार पर दबाव बढ़ा और यह बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। हालाँकि बाजार जल्द ही सँभल कर हरे निशान पर लौट आया, लेकिन बाजार ज्यादा देर तक इस बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और वापस लाल निशान पर फिसला। इसके बाद बाजार में गिरावट बढ़ती चली गयी। निफ्टी 6100 के स्तर से नीचे लुढ़क गया। इस दौरान सेंसेक्स 20,551 और निफ्टी 6094 दिन के निचले स्तरों तक चले गये। हालाँकि कारोबार के आखिरी मिनटों में निफ्टी 6100 के स्तर के ऊपर लौट आया। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में लाल निशान पर ही बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज एफएमसीजी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.56% का घाटा हुआ। रियल्टी में 2.10%, धातु में 1.63%, बैंकिंग में 1.20% और पावर में 1.16% की गिरावट रही। हेल्थकेयर में 0.92%, पीएसयू में 0.79%, टीईसीके में 0.65%, आईटी में 0.38% की कमजोरी रही। ऑटो में 0.04% की मामूली कमजोरी रही। दूसरी ओर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.29% की मजबूती रही। कैपिटल गुड्स में 0.98% और तेल-गैस में 0.31% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 28 अक्टूबर 2013)
Add comment