कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी बढ़ने और रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी (S&P) के भारत की रेटिंग घटाये जाने की चेतावनी से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा।
निफ्टी (Nifty) 6200 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 72 अंक यानी 0.35% की गिरावट के साथ 20,823 पर बंद हुआ। निफ्टी 28 अंक यानी 0.45% गिर कर 6187 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 1.42% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.07% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.14% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
खराब एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई। कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार शुरू हो गया। निफ्टी 6200 के स्तर के ऊपर-नीचे होता रहा। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार जारी रहा। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार में जोश आया। सेंसेक्स 21,000 के स्तर को पार करने में कामयाब रहा। निफ्टी भी 6200 के स्तर के ऊपर पहुँच गया। इस दौरान बाजार का जोश बढ़ता चला गया। सेंसेक्स 21,143 और निफ्टी 6289 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये, लेकिन बाजार जल्द ही अपने ऊपरी स्तरों से नीचे फिसला। सेंसेक्स और निफ्टी अपने-अपने मनोवैज्ञानिक स्तरों से फिसल कर लाल निशान पर लुढ़क गये। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार में गिरावट गहरायी। सेंसेक्स 20,797 और निफ्टी 6181 दिन के निचले स्तरों पर रहे। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.62% का घाटा हुआ। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.26%, बैंकिंग में 2.11%, पावर में 1.97%, पीएसयू में 1.46%, कैपिटल गुड्स में 1.40%, तेल-गैस में 1.17% और ऑटो में 1.01% की गिरावट रही। एफएमसीजी में 0.22% की कमजोरी रही। हेल्थकेयर में 0.01% की मामूली कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 1.25% की मजबूती रही। धातु में 0.64% और टीईसीके में 0.61% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 07 नवंबर 2013)
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