कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज गिरावट के साथ बंद हुए।
उम्मीद से बेहतर तिमाही अमेरिकी जीडीपी आँकड़ों से बांड खरीद कार्यक्रमों के घटने की संभावनाएँ बढ़ने से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। भारतीय कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों से भी बाजार में गिरावट बढ़ी।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 157 अंक यानी 0.75% की गिरावट के साथ 20,666 पर बंद हुआ। निफ्टी 46 अंक यानी 0.75% गिर कर 6141 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.13% की कमजोरी रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.15% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.28% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और बैंकिंग क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। कारोबार के पहले घंटे में ही बाजार में गिरावट बढ़ी। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट गहराती चली गयी। इस दौरान सेंसेक्स 20,601 और निफ्टी 6121 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार की गिरावट में थोड़ी कमी आयी, लेकिन कारोबार के आखिरी मिनटों में बाजार में दोबारा दबाव बढ़ा। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.04% का घाटा हुआ। बैंकिंग में 1.27% और तेल-गैस में 1.19% की गिरावट रही। पीएसयू में 0.69%, ऑटो में 0.45%, एफएमसीजी में 0.34% और टीईसीके में 0.27% की कमजोरी रही। आईटी में 0.07% की हल्की कमजोरी रही। दूसरी ओर, रियल्टी में 1.27% और कैपिटल गुड्स में 1.15% की मजबूती रही। पावर में 0.61%, धातु में 0.35% और हेल्थकेयर में 0.31% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 08 नवंबर 2013)
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