लोकसभा चुनावों के नतीजों से शेयर बाजार काफी निराश दिखा। लिहाजा बाजार गिरा और इतना गिरा कि यह 4 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट बन गयी। सेंसेक्स 4,389 अंक या 5.74% टूट कर 72,079 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 5.93% की गिरावट रही और यह 21,884 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई मिडकैप में 8.07% और बीएसई स्मॉल कैप में 6.79% का बड़ा नुकसान देखा गया। निफ्टी मिडकैप में करीब 4200 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप में करीब 1400 अंक की गिरावट आयी। लोकसभा चुनाव के रुझान एग्जिट पोल के मुताबिक न आने के कारण निवेशकों के एक कारोबारी सत्र में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गये। बीएसई की कुल बाजार पूँजी (मार्केट कैप) 4 जून को करीब 30 लाख करोड़ रुपये की चपत सह कर 396 लाख करोड़ रुपये रह गयी।
सेंसेक्स ने 70,234 का निचला स्तर छुआ तो वहीं 76,300 का ऊपरी स्तर छुआ। निफ्टी ने 21,281 का निचला स्तर तो 23,179 का ऊपरी स्तर छुआ। निफ्टी बैंक ने 46,078 का निचला स्तर छुआ तो वहीं 50,667 का ऊपरी स्तर छुआ। बैंक निफ्टी 7.95% या 4051 अंक गिर कर 46,928 पर बंद हुआ। निफ्टी पीएसयू बैंक में 15.14%, निफ्टी ऑयल ऐंड गैस में 11.80%, निफ्टी मेटल में 10.63%, निफ्टी रियल्टी में 9.62% और निफ्टी ऑटो में 3.33% की कमजोरी दर्ज हुई। सिर्फ एफएमसीजी सूचकांक ही 1% की तेजी के साथ हरे निशान में बंद होने में सफल हुआ। बाजार में उतार-चढ़ाव या डर का स्तर दिखाने वाला इंडिया विक्स 27% की उछाल के साथ 26.74 अंक पर बंद हुआ।
अदाणी शेयरों को लगी बड़ी चोट
निफ्टी के गिरने वाले शेयरों में अदाणी पोर्ट्स सबसे आगे रहा, जिसमें 18.50% की भारी गिरावट देखने को मिली। वहीं अदाणी एंटरप्राइजेज 17.42%, ओएनजीसी (ONGC) 16% और एनटीपीसी (NTPC) 14% तक के नुकसान के साथ बंद हुए। निफ्टी के चढ़ने वाले शेयरों में एफएमसीजी शेयर रहे। एचयूएल (HUL) 6%, ब्रिटानिया 3.60%, नेस्ले 2.30% तक चढ़ कर बंद हुए। वहीं हीरो मोटोकॉर्प में 2.60% तक की मजबूती रही। सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, एसबीआई, एलऐंडटी, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक और रिलायंस में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। वहीं एचयूएल, नेस्ले, टीसीएस, एशियन पेंट्स और सन फार्मा आज सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयर बने।
आज के कारोबार में करीब 700 शेयरों में लोअर सर्किट लगा, वहीं 300 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर बंद हुए। आज के कारोबार में फोकस में रहने वाले शेयरों में आरईसी (REC) 25%, पीएफसी (PFC) 23%, बीएचईएल (BHEL) 21% और कंटेनर कॉर्प 20% तक के नुकसान के साथ बंद हुए। जिन शेयरों में बड़ी खरीदारी देखने को मिली उसमें कोलगेट रहा जिसमें 4.70% तक की बढ़त दिखी। वहीं एवेन्यू सुपरमार्ट 4.65% तक के उछाल के साथ बंद हुआ। यूनाइटेड ब्रुवरीज में भी 3.50% तक की बढ़त दिखी। मैरिको में 3.30% तक की मजबूती रही। जिन शेयरों में बिकवाली देखने को मिली उसमें हिन्दुस्तान कॉपर रहा जिसमें 20% तक की गिरावट देखने को मिली। हुडको (HUDCO) में 20% की भारी गिरावट रही। जम्मू-कश्मीर बैंक 20% और टीटागढ़ रेल भी 20% तक के नुकसान के साथ बंद हुए।
एफआईआई-डीआईआई दोनों की भारी बिकवाली
संस्थागत खरीद-बिक्री देखें तो 4 जून 2024 को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) दोनों की ओर से काफी बड़े स्तर पर बिकवाली देखने को मिली। जहाँ एफआईआई ने 12,436 करोड़ रुपये की, तो डीआईआई ने भी 3,319 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।
इससे पहले एक्जिट पोल के आँकड़ों पर बने उत्साह के बीच 3 जून 2024 को एफआईआई ने 6851 करोड़ रुपये और डीआईआई ने 1914 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी। दरअसल, हाल में इन दोनों संस्थागत खेमों का रुख उल्टा चलता रहा है, जिसमें एफआईआई अक्सर बिकवाल और डीआईआई अक्सर खरीदार रहते आये हैं। पर एक्जिट पोल और वास्तविक मतगणना के दिनों में ये दोनों खेमे एक साथ चले।
कोरोना के बाद शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट
बाजार में 4 जून 2024 की यह गिरावट मई 2020 के बाद सबसे बड़ी है। वर्ष 2020 में कोरोना संकट के कारण बाजार एक दिन में 5.94% टूटा था। बीएसई का सेंसेक्स 30 अप्रैल 2020 को 33,718 के स्तर पर बंद हुआ था। शेयर बाजार 1, 2 और 3 मई 2020 को बंद था। इसके बाद 4 मई को सेंसेक्स 2,003 अंक गिर कर 31,715 के स्तर पर बंद हुआ था।
(शेयर मंथन, 4 जून 2024)
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