मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक निफ्टी में सपाट शुरुआत हुई थी, लेकिन कारोबारी सत्र के दूसरे हिस्से में तीव्र गिरावट के बाद 364 अंकों (1.02%) के नुकसान के साथ 23952 के स्तर पर बंद हुआ।
व्यापक बाजार पर इसका और भी अधिक असर हुआ, मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में क्रमशः 2.8% और 2.2% की गिरावट आई। लगभग सभी क्षेत्रीय सूचकांक 1% से 4% तक नुकसान दर्ज करते हुए लाल निशान में बंद हुए। इस गिरावट में विभन्न कारणों का योगदान रहा, कमजोर वैश्विक संकेत, भारतीय रुपये के नये सर्वकालिक निम्न स्तर को छूने और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बिकवाली मुख्य हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपये ने 85 रुपये का स्तर तोड़ दिया, जिससे नकारात्मक रुझानों को हवा मिली। इसके अलावा, ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के नजरिये में 2025 में केवल दो कटौतियों का अनुमान लगाया गया है (पूर्व में चार के पूर्वानुमान से कम)। साथ ही बढ़ती मुद्रास्फीति ने 10-साल की बॉन्ड ईल्ड को 4.56% तक धकेल दिया, जिससे बाजार की धारणा और अधिक खराब हो गई।
ईल्ड में बढ़ोतरी और मजबूत डॉलर के कारण एफआईआई ने अधिक बिकवाली की, जो पिछले चार सत्र में पहले ही 10,000 करोड़ रुपये निकसन चुके हैं। इससे निफ्टी में 2022 के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा तीव्र गिरावट आयी और ये इस हफ्ते 5% से ज्यादा टूट चुका है।
सोमवार को बाजार संभवत: अमेरिका के नवंबर माह के लिए निजी उपभोग व्यय (पीसीई) आँकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे, यह फेड की भावी कार्रवाइयों के लिए प्रमुख संकेतक है। आगे बढ़ते हुए, भारतीय बाजारों में नरमी बने रहने का अनुमान है और अस्थिरतापूर्ण माहौल के बीच वे वैश्विक संकेतों पर बारीकी से नजर रखेंगे।
त्योहारी मौसम के करीब आने और वैश्विक बाजारों के 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश समेत 2-3 दिन बंद रहने के साथ ही बाजार में अगले हफ्ते सुस्ती रहने का अनुमान है।
(शेयर मंथन, 20 दिसंबर 2024)
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