बुधवार की हल्की गिरावट के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी बढ़ गयी। दरअसल अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दिसंबर में ही ब्याज दरें बढ़ाये जाने के पुख्ता संकेत दिये जाने के बाद वैश्विक बाजारों में घबराहट दिखी, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन ने कहा है कि कुछ खास आर्थिक मानकों को एक तय सीमा से बाहर नहीं जाने देने के लिए केंद्रीय बैंक को मौद्रिक नीति में थोड़ा जल्दी ही कसावट लानी होगी। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि के संकेत अपनी पिछली बैठकों में भी दिये थे। मगर इस ताजा बयान से यह संभावना अब ज्यादा पक्की मानी जा रही है कि 15-16 दिसंबर को अपनी अगली बैठक में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देगा।
इस बीच यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) ने आज अपनी ब्याज दरों में 0.10% अंक की कटौती करते हुए इसे -0.30% कर दिया है। इसने संपत्तियों को खरीदने के अपने मौजूदा कार्यक्रम (मौद्रिक ढील या क्यूई) को मार्च 2017 तक जारी रखने का भी फैसला किया है। इस फैसले के बाद यूरोपीय शेयर बाजारों में काफी दबाव देखने को मिला।
आज भारतीय शेयर बाजार ने शुरुआत तो सपाट की थी, मगर इसके बाद यह लाल निशान में चला गया। दोपहर के बाद बाजार में दबाव बढ़ गया। बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) केवल पिछले चार सत्रों तक 26,000 के ऊपर बंद होने के बाद आज वापस इसके नीचे आ गया। इसका दिन का निचला स्तर 25,857 का रहा। यह अंत में 231 अंक या 0.89% की गिरावट के साथ 25,887 पर बंद हुआ।
एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 7,853 तक फिसलने के बाद अंत में 7,864 पर बंद हुआ। इसमें 67 अंक या 0.85% की गिरावट आयी। छोटे-मँझोले शेयरों के सूचकांक भी लाल निशान में रहे। बीएसई मिडकैप 0.42% पर बंद हुआ, जबकि बीएसई स्मॉलकैप में 0.50% की कमजोरी दर्ज हुई। एनएसई में निफ्टी मिडकैप 100 में 0.54% की और निफ्टी स्मॉल 100 में 0.06% की गिरावट रही।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव ओएनजीसी (-2.65%), ल्युपिन (-2.64%), बीएचईएल (-2.48%), वेदांत (-2.23%), हीरो मोटोकॉर्प (-2.15%) और आईटीसी (-1.96%) में रही। दूसरी ओर ऐक्सिस बैंक ने 0.70% और एनटीपीसी ने 0.56% की बढ़त दर्ज की। मारुति सुजुकी और एचडीएफसी बैंक काफी हल्की बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि रिलायंस लगभग सपाट बंद हुआ। (शेयर मंथन, 03 दिसंबर 2015)
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