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जनवरी में सुस्त हुई देश के निजी क्षेत्र की रफ्तार, 14 महीनों में सबसे धीमी गति

देश के निजी क्षेत्र के लिए साल 2025 अच्छी खबर लेकर नहीं आया है। एचएसबीसी इंडिया के फ्लैश पीएमआई की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी हुई, जिसके मुताबिक भारत में निजी क्षेत्र का उत्पादन जनवरी में 14 महीने के निचले स्तर पर आ गया है।

प्राइवेट सेक्टर की बढ़ रही है चिंता

एचएसबीसी ने अपनी इंडिया कंपोजिट पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की रिपोर्ट में बताया है कि जनवरी में पीएमआई घटकर 57.9 पर आ गयी है जो कि 14 महीने का निचला स्तर है। परेशानी की बात ये है कि ये आँकड़ा दिसंबर 2024 में 4 महीनों के उच्च स्तर 59.2 पर था। रिपोर्ट कहती है कि इसका आँकड़ा 13 महीनों में पहली बार 58 के निशान से नीचे आया है।

एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नया साल 2025 निजी कंपनियों के लिए कुछ खास नहीं रहा। कंपनियों की शुरुआत धीमी रही है। इसलिए जब कारोबार ही कम हो रहा है तो उसका असर उत्पादन पर भी दिखाई देगा। देश में उत्पादन की रफ्तार नवंबर 2023 के बाद सबसे धीमी है। लेकिन इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा है क्योंकि फैक्ट्री उत्पादन पिछले महीने के 56.4 से बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 58 पर पहुँच गया।

विनिर्माण क्षेत्र ने बढ़ाया विश्वास

इससे पहले विनिर्माण क्षेत्र थोड़ा पिछड़ गया था, जिसका असर विकास दर पर भी देखने को मिला था। विकास दर 5.4% के साथ सात तिमाहियों के नीचले स्तरों पर आ गिरी थी। लेकिन विनिर्माण गतिविधि बढ़ने से कारोबार के दोबारा रफ्तार पकड़ने की उम्मीद जगी है। फैक्ट्रियों में उत्पादन बढ़ रहा है। लेकिन सेवा क्षेत्र पिछड़ रहा है।

सेवा क्षेत्र में छा रही सुस्ती

कारोबार में धीमेपन का असर सेवा क्षेत्र पर भी दिखायी दे रहा है। परेशानी की बात ये है कि ये ठहराव अर्थव्यवस्था में संभावित कमजोरी की तरफ इशारा करता है। वहीं, सेवा प्रदाताओं के लिए निर्यात कारोबार के लिए मौके बनने की उम्मीद जाग रही है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने सालाना आँकड़े जारी किये थे। इन आँकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 25 की अनुमानित वृद्धि 6.4% पर आँकी गयी है, जो 6.5-7% के अनुमान और आरबीआई के संशोधित 6.6% के अनुमान से कम है।

(शेयर मंथन, 25 जनवरी 2025)

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