वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने अपनी आमदनी और कारोबारी मार्जिन को 40% तक बढ़ाने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की है।
हालाँकि जानकारों का मानना है कि यह काफी हद तक इस बात निर्भर करता है कि जियो टैरिफ युद्ध को कम करती है या नहीं, जो इसने करीब 2 साल पहले अपने नेटवर्क की शुरुआत के साथ आरंभ किया था। वोडाफोन आइडिया शुल्क बढ़ा कर आमदनी बढ़ाना चाहती है।
कंपनी की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए न्यूनतम रिचार्ज दरों में वृद्धि करने की भी योजना है। साथ ही यह अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों, एयरटेल और जियो, से मुकाबला करने के लिए 4जी मोबाइल टावर साइटों के नेटवर्क का विस्तार करेगी।
हाल ही में आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन के विलय से तैयार हुई वोडाफोन आइडिया के पहले तिमाही नतीजों में कंपनी को (चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में) 4,609 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। हालाँकि विलय होने के कारण कंपनी के नतीजे न सालाना आधार पर और न ही तिमाही आधार पर तुलनात्मक हैं। मगर नियमानुरूप विलय हुई इकाई की आमदनी तिमाही दर तिमाही आधार पर 7.1% घट कर 12,024 करोड़ रुपये, एबिटा 28.7% गिर कर 978 करोड़ रुपये और मिश्रित एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी) 92 रुपये से घट कर 88 रुपये रह गयी।
उधर गुरुवार को बीएसई में वोडाफोन आइडिया का शेयर 3.30 रुपये या 7.43% की गिरावट के साथ 41.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 118.00 रुपये और निचला स्तर 32.55 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 24 नवंबर 2018)
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