HDFC बैंक ने सालाना रिपोर्ट जारी किया है। सालाना रिपोर्ट में बैंक शाखाओं के बड़े स्तर पर विस्तार की बात कही गई है।
रिपोर्ट में लगातार 5 साल तक 1500-2000 शाखाएं हर साल खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। बैंक की अगले 3-5 साल में ब्रांच नेटवर्क को दोगुना करने का लक्ष्य है। ब्रांच विस्तार के जरिए हर 5 साल में एक नया एचडीएफसी बैंक बनाने की योजना है। कंपनी के प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन ने कहा कि प्रस्तावित मर्जर भविष्य में एक अलग तरह का पैमाना तय करेगा। इस सेक्टर में आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। ऐसे में हर 5 साल पर एक नया बैंक खड़ा किया जा सकता है। फिलहाल बैंक के 6000 से अधिक शाखाएं हैं। भारत में बैंकिंग शाखाओं तक लोगों की पहुंच ओईसीडी (Organisation for Economic Co-operation and Development) देशों से भी कम है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने बैंक की शाखाओं को बढ़ाने पर फोकस केंद्रित किया है। बैंक अगले 3-5 साल में हर साल 1500-2000 शाखाएं जोड़ेगी। आपको बता दें कि अप्रैल के शुरुआत में HDFC का उसके सब्सिडियरी HDFC बैंक के साथ मर्जर का ऐलान किया था। इसे पूरा होने में करीब 15-18 महीने लग सकते हैं। मर्जर प्रस्ताव को कंपनी के लिए अच्छा बताते हुए जगदीशन का कहना था कि इससे 'पावर ऑफ वन'का फायदा मिलेगा। बेहतर टैलेंट , उत्पादों की गहराई से जानकारी और प्रक्रियाओं के साथ होने से एक ऐसा सिस्टम भी मिलेगा जिसे लेंडर (बैंक) अपने मौजूदा ग्राहकों में जोड़ पाएगा। एचडीएफसी बैंक इस अवसर को खोना नहीं चाहेगी। जगदीशन के मुताबिक होम लोन एक भावुक उत्पाद है जिससे बैंक के फायदे में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मौजूदा समय में लोगों के घर खरीदने के माहौल में बदलाव देखा गया है। रेरा (RERA) यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के आने से पारदर्शिता बढ़ी है। घरों की कीमतों में कमी आने से इन्वेंट्री में कमी आई है। साथ ही लोगों की बढ़ती आय से होम लोन के ईएमआई (EMI) में कमी आई है। खास बात यह देखने को मिली कि टेलीकॉम, इंटरनेट और टेलीविजन का दायरा बढ़ने से लोगों में बेहतर घरों को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। इस लिहाज से अगले एक दशक में हाउसिंग सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में भी बढ़ोतरी में मददगार साबित होगा। जगदीशन के मुताबिक केवल 2 फीसदी ग्राहक ही हमसे लोन लेते हैं जबकि बाकी के ग्राहक दूसरे संस्थानों से लोन लेते हैं, जो कि हमारे रिटेल बुक के बराबर है। होम लोन के ग्राहक रिटेल ग्राहकों के मुकाबले 5-7 गुना ज्यादा पैसा जमा करते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि एचडीएफसी के 70 फीसदी ग्राहक एचडीएफसी बैंक के साथ जुड़े हुए नहीं हैं। इसी से एचडीएफसी बैंक को इतने बड़े बैंकिंग साइज को भुनाने का ख्याल आया। लंबी अवधि के होम लोन से बैंक के बैलेंस शीट को मजबूती मिलती है। एचडीएफसी बैंक देशभर में सबसे ज्यादा कंज्यूमर ड्यूरेबल के लिए लोन देता है। इसे हम लोन के साथ जोड़ पाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि कंज्यूमर ड्यूरेबल के लिए लोन भी हम दे पाएंगे। कई तरह के लोन के एक साथ जुड़ने से मार्जिन में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही लोन देने की लागत में भी कमी आएगी। मर्जर के समय पर जगदीशन का कहना था कि कई ऐसे अनुकूल कारक हैं जिसके कारण फैसला लिया गया है। बैंक और एनबीएफसी (NBFC) के बीच नियामक मंजूरियां घटने के साथ पिछले कुछ समय में रिजर्व के जरूरी रकम भी 26 फीसदी से घटकर 22 फीसदी पर आ गया है। दोनों संस्थानों के पास बेहतर पूंजी होने के साथ पर्याप्त लिक्विडिटी भी है। साथ ही सरकारी सिक्योरिटीज में मजबूत निवेश पोर्टफोलियो भी मौजूद हैं। मर्जर के बाद प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग यानी प्राथमिकता क्षेत्र ऋण को बढ़ाना संभव हो पाएगा। मर्जर के बाद हम अपना फोकस एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम और वहन करने योग्य (अफॉर्डेबल) होम लोन पर बढ़ाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि मर्जर के दिन से ही हमें रिजर्व जरुरतें पूरी करने के लिए और फंड जुटाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। होम गिरवी पोर्टफोलियो के शामिल होने से हमारा बैलेंस शीट विविध (डायवर्सिफाइड) और मजबूत हो जाएगा। मर्जर के बाद पूंजी के मोर्चे पर स्थिति मजबूत होने से संस्थान बड़े कॉरपोरेट्स और देश के इंफ्रा सेक्टर को ज्यादा लोन दे पाने में सक्षम होगा। एचडीएफसी बैंक के पास पहले से ही देश में बैंकिंग सेवाओं की सीमित पहुंच वाले इलाकों में विस्तार के अवसर हैं। एचडीएफसी बैंक का 50000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाने का कोई इरादा नहीं है। कंपनी यह रकम प्राइवेट प्लेसमेंट आधार पर लंबी अवधि के बॉन्ड जारी कर जुटाएगी। इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी लेनी पड़ेगी। इसके लिए 16 जुलाई 2022 को सालाना वार्षिक बैठक बुलाई गई है जिसमें फंड जुटाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। मार्च 2022 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 19 फीसदी मुनाफा दर्ज किया है जो कि 36,961 करोड़ रुपये है। कंपनी का बैलेंस शीट 18.4 फीसदी बढ़कर 20.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। बैंक का ग्रॉस एनपीए (NPA) मात्र 1.17 फीसदी है।
(शेयर मंथन, 25 जून 2022)
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