उदय कोटक, अध्यक्ष, सीआईआई
अपूर्व बजट प्रस्तुत करने के अपने वादे को पूरा करते हुए वित्त मंत्री ने कई विवेकपूर्ण उपायों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य बुनियादी ढाँचे का विस्तार, शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकारी खर्च को नये उत्साह के साथ बढ़ाना है।
सरकार के प्रमुख आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को और अधिक गति प्रदान करने के लिए इस बजट में सभी जरूरी उपाय किये गये हैं, जिन्हें छह महत्वपूर्ण स्तंभों के अंतर्गत दर्शाया गया है। इन उपायों से अर्थव्यवस्था के वापस सँभलने का मार्ग प्रशस्त होगा। यह जीवन के सभी पहलुओं, आजीविका और विकास का ध्यान रखने वाला बजट है।
बुनियादी ढाँचे में निवेश को नये सिरे से बढ़ावा देने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए सरकार ने इस क्षेत्र को प्रमुख प्राथमिकता दी है और इसके लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। सीआईआई के सुझावों के अनुरूप ही विकास वित्तीय संस्थान (डीएफआई) के गठन की घोषणा हुई है, जो बुनियादी ढाँचे और अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में निवेश लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इसके अलावा, नेशनल एसेट मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन तैयार करना सरकार की एक बड़ी पहल है। यह पहल न केवल उत्साह बढ़ाने वाली है, बल्कि सरकार के लिए अतिरिक्त संसाधन भी पैदा करेगी। यह ऐसी पहल है, जिसकी सीआईआई जोरदार पैरवी करता रहा है। सात मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और उपभोक्ताओं को बिजली खरीदने के लिए एक से अधिक वितरण कंपनियों में से चुनने का विकल्प देना जैसे अन्य उपाय भी सीआईआई की सिफारिशों के अनुरूप हैं। (शेयर मंथन, 1 फरवरी 2021)