शेयर मंथन में खोजें

निफ्टी (Nifty) गिर कर 5676 पर, सेंसेक्स (Sensex) 130 अंक नीचे

इन्फोसिस के खराब नतीजों और कमजोर यूरोपीय संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज गिरावट के साथ बंद हुए। 
निफ्टी (Nifty) 5700 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे फिसल गया।
सेंसेक्स (Sensex) 130 अंक यानी 0.69% की गिरावट के साथ 18,675 पर रहा। निफ्टी 32 अंक यानी 0.56% की कमजोरी के साथ 5676 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.07% की मजबूती रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.08% और स्मॉलकैप में 0.03% की बढ़त रही। आज के कारोबार में आईटी और टीईसीके सूचकांकों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
इन्फोसिस के खराब नतीजों की वजह से बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। बाजार खलुते ही निफ्टी 5700 के स्तर के नीचे चला गया। शुरुआती कारोबार में बाजार में लाल निशान पर कारोबार होता रहा। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार की गिरावट कम हुई और यह हरे निशान पर लौट आया। निफ्टी 5700 के स्तर के ऊपर चला गया। लेकिन यह जल्द ही अपनी बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर चला गया। निफ्टी फिर से 5700 के स्तर के नीचे चला गया। आईआईपी के आँकड़े उम्मीद से बेहतर होने के बाद भी बाजार को फायदा नहीं हुआ। अगस्त 2012 में भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी यानी इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) 2.7% की दर से बढ़ा है। इस दौरान बाजार में लाल निशान पर ऊपर-नीचे कारोबार होता रहा। यूरोपीय बाजारों में कमजोरी से भी बाजार पर दबाव बढ़ा। दोपहर के कारोबार में बाजार की गिरावट बढ़ी। जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ता गया। वैसे-वैसे बाजार में गिरावट बढ़ती चली गयी। कारोबार के अंतिम घंटे में सेंसेक्स 18638 और निफ्टी 5659 तक नीचे चले गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार के निचले स्तरों से कुछ सँभल कर बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज आईटी को सबसे ज्यादा 2.59% का घाटा हुआ। टीईसीके में 2.26%, रियल्टी में 0.88%, ऑटो में 0.73%, कैपिटल गुड्स में 0.43% पीएसयू में 0.42%, बैंकिंग में 0.40%, तेल-गैस में 0.29% और पावर में 0.23% की कमजोरी रही। धातु में 0.06% की हल्की कमजोरी रही। दूसरी ओर,  कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को 0.60% का फायदा हुआ। हेल्थकेयर में 0.49% और एफएमसीजी में 0.21% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 12 अक्टूबर 2012) 

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • निवेश मंथन निवेशक शिक्षा सम्मान (विशेषांक - दिसंबर 2024)

    म्यूचुअल फंड उद्योग को निवेशक शिक्षा (इन्वेस्टर एजुकेशन) गतिविधियों में लगाये गये श्रम और संसाधनों का सुफल दिखने लगा है। इस उद्योग के अधिकांश खिलाड़ियों को यह समझ में आने लगा है कि निवेशक शिक्षा कोई नाम मात्र के लिए करने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह उसके लिए एक मजबूत ग्राहक आधार तैयार करने की दिशा में काफी उपयोगी गतिविधि है।

  • ट्रंप 2.0 - कितनी बदलेगी दुनिया : निवेश मंथन पत्रिका (नवंबर 2024)

    डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। जनवरी में उनका अगला कार्यकाल शुरू होगा। अमेरिका में 100 साल से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई राष्ट्रपति एक चुनाव हारने के बाद वापसी करने में कामयाब हुआ है।

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"