आज शुक्रवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसमें सरकार की कोशिश तीन तलाक सहित कई अन्य बिलों को पास करवाने की होगी।
संसद मामलों के मंत्री अनंत कुमार के अनुसार, जिन दो बिलों को सरकार इस सत्र में पास कराने की कोशिश करेगी, उनमें तीन तलाक और पिछड़े वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए विधेयक शामिल हैं। पिछड़े वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने की माँग करने वाले बिल को फिछले सत्र में लोकसभा में पेश किया गया था, जहाँ यह पास भी हो गया था। राज्यसभा में इसे कुछ संशोधनों के साथ पास किया गया था। उसके बाद इसे बदलावों के साथ एक बार फिर लोकसभा में पेश किया गया था।
इसके अलावा इस सत्र में सरकार हाल ही में लाये गये दो अध्यादेशों की जगह बिल लायेगी। इसमें दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 में संशोधन का बिल भी शामिल होगा। सरकार वित्तीय समाधान और जमाराशि बीमा (एफआरडीआई) विधेयक, 2017 को भी ला सकती है। इसका उद्देश्य बैंक, बीमा कंपनी, गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी, पेंशन फंड और शेयर सूचकांकों जैसे संस्थानों की विफलता को सीमित करना है। एफआरडीआई बिल को लोकसभा में अगस्त में पेश किया गया था और बाद में इसे संयुक्त संसद समिति के पास भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट इसी सत्र में आने की उम्मीद है।
वहीं दूसरी ओर विपक्ष कई मामलों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, जिनमें सत्र के देर से शुरू होने का मुद्दा भी शामिल है। खबर है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी, जनता दल (यू-रीबेल ग्रुप) के प्रमुख शरद यादव, समाजवादी पार्टी प्रमुख रामगोपाल यादव और कांग्रेस के राज्यसभा में डिप्टी लीडर आनंद शर्मा समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद में कई मुद्दों को संयुक्त रूप से उठाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। विपक्ष द्वारा जिन अन्य मुद्दों को उठाया जा सकता है, उनमें नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, जीएसटी को सही तरीके से लागू न किया जाना, जम्मू-कश्मीर के हालात और चीन के साथ डोकलाम विवाद शामिल हैं। (शेयर मंथन, 15 दिसंबर 2017)