जून वायदा सीरीज (F&O) के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक तेजी के साथ बंद हुए।
निफ्टी (Nifty) 5600 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बंद हुआ। मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकेतों और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के सँभलने से बाजार को फायदा पहुँचा। जनवरी-मार्च तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा घटने की वजह से बाजार में मजबूती रही।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 324 अंक यानी 1.75% की मजबूती के साथ 18,876 पर बंद हुआ। निफ्टी 94 अंक यानी 1.68% की मजबूती के साथ 5682 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.74% की बढ़त रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.26% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.32% की बढ़त रही। आज के कारोबार में तेल-गैस और आईटी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा खरीदारी का रुख रहा।
सकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। निफ्टी 5600 के स्तर से ऊपर खुला। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। जनवरी-मार्च तिमाही में चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) कम होने की खबर से बाजार को फायदा पहुँचा। इस दौरान जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की मजबूती भी बढ़ती चली गयी। जनवरी-मार्च 2013 तिमाही में देश का चालू खाता घाटा घट कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.6% हो गया है, जबकि तीसरी तिमाही में यह 6.7% रहा था। मजबूत यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार बल मिला। कारोबार के आखिरी घटें में बाजार का जोश बढ़ता चला गया। इस दौरान निफ्टी 5700 के मनोवैज्ञानिक स्तर के बेहद करीब पहुँच गया। सेंसेक्स 18,926 और निफ्टी 5699 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में मजबूती के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज तेल-गैस क्षेत्र को सबसे ज्यादा 3.22% का फायदा पहुँचा। आईटी में 3.15%, टीईसीके में 2.70%, हेल्थकेयर में 2.49%, रियल्टी में 1.80% और बैंकिंग में 1.50% की मजबूती रही। पीएसयू में 0.83%, धातु में 0.44%, ऑटो में 0.43%, पावर में 0.23% और एफएमसीजी में 0.11% की बढ़त रही। दूसरी ओर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.08% की गिरावट रही। कैपिटल गुड्स में 0.04% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 27 जून 2013)
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