इंडेक्स डेरिवेटिव अनुबंध में बदलावों पर कोटक सिक्योरिटीज के आशीष नंदा के विचार
इंडेक्स डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में 6 बदलाव गुरुवार (21 नवंबर) से लागू होंगे। बुधवार (20 नवंबर) से निप्टान दिनों पर इंडेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों पर ईएलएम (एक्सट्रीम लॉस मार्जिन) मार्जिन में 2% की वृद्धि लागू होगी। कोटक सिक्योरिटीज में डिजिटल बिजनेस के अध्यक्ष और प्रमुख आशीष नंदा ने इस बदलाव पर अपने विचार व्यक्त किये।
20 नवंबर 2024 ही वह दिन है जब इंडेक्स डेरिवेटिव का ढाँचा औपचारिक रूप से अमल में आ गया है।
दिलचस्प बात ये है कि आज से सिर्फ एक चरण अमल में आ रहा है : ‘विकल्प निप्टान (ऑप्शन एक्सपायरी) के दिन टेल रिस्क कवरेज में वृद्धि’। बाकी के बचे हुए 5 अन्य बदलावों का असर 1 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 के बीच देखने को मिलेगा।
पहले समझते हैं क्या बदलाव होगा।
ऑप्शंस निप्टान के दिन टेल रिस्क कवरेज में वद्धि का अर्थ होगा कि कल से उसी दिन पूरे होने वाले सभी सूचकांक डेरिवेटिव अनुबंधों के लिए ईएलएम मार्जिन में 2% की अतिरिक्त वृद्धि होगी। ईएलएम 2% से बढ़कर 4% हो गया, जबकि समग्र मार्जिन मोटेतौर पर 11% से बढ़कर 13% होगा। (समझ के लिए व्यापक गणित जरूरी)
चूँकि आज निफ्टी में साप्ताहिक निप्टान है, अगर ग्राहकों की 21 नवंबर को खत्म होने वाले अनुबंध में शॉर्ट पोजीशन है और उन्होंने अपने ट्रेडिंग खाते में बफर मार्जिन नहीं रखा है, तो उन्हें अतिरिक्त मार्जिन जोड़ना पड़ सकता है। कृपया ध्यान रखें कि सेंसेक्स के एक्सपायरी दिन के बाद यह 22 नवंबर को लागू होगा और इसी तरह से चलेगा।
अब गणित की मदद से इसे गहरायी से समझते हैं।
निप्टान दिवस पर मार्जिन 2% बढ़ गया। मान लें कि निफ्टी अभी 24,000 पर है और लॉट का आकार 25 है। अत: अनुबंध का मूल्य 6,00,000 रुपये हो जायेगा। मौजूदा मार्जिन 12% के हिसाब से 72,000 रुपये है। 2% होने की वजह से इसमें 12,000 रुपये की वृद्धि हो जायेगी। इस तरह नया मार्जिन 84,000 रुपये होगा। अर्थात् मार्जिन में 16-17% की वृद्धि होगी।
(ये व्यापक संख्याएँ हैं जिनका उपयोग इसे बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए किया गया है। सटीक संख्या थोड़ी कम/ज्यादा हो सकती है)
जहाँ मार्जिन में 2% का इजाफा सुनने में काफी छोटा लगता है, वहीं बहुत लोगों को अपने खाते में भारी कमी देखने को मिलेगी। ऐसा क्यों? क्योंकि पुरानी पद्धति में एटीएम स्ट्राइक पर मार्जिन की आवश्कता अनुबंध मूल्य का 12% होती थी। हालाँकि, हमारे पैसे जैसे-जैसे कम होते जाते थे तो ये घटकर 11%, 10%...8%, इत्यादि हो जाता था।
अत: एटीएम स्ट्राइक के मामले में ये लग सकता है कि 72000 का मार्जिन 84000 हो गया है, जो कि 16-17% वृद्धि है लेकिन मान लीजिये 22000 ओटीएम के लिए स्ट्राइक मार्जिन 37000 से बढ़ कर 50000 होगा, यानी 35% की वृद्धि होगी।
इसका अर्थ ये हुआ कि, आपके खाते में पैसे जितने कम होंगे इसमें उतनी ही तीव्र वृद्धि होगी। इसके विपरीत आईटीएम स्ट्राइक के लिए वृद्धि एटीएम स्ट्राइक के लिए देखी गयी 16-17% से भी कम होगी।
थोड़े शब्दों में कहें, तो 2% ईएलएम वृद्धि सीधे अनुबंध मूल्य पर लागू होगी। कोई बचाव लाभ नहीं होगा। ये हेजिंग करने वालों के लिए उल्लेखनीय हो सकता है। मेरे विचार से इसमें काँटे-सुई को हिलाने की क्षमता है।
तर्कसंगतिकरण शुरू होता है।
(शेयर मंथन, 20 नवंबर 2024)
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