कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज गिरावट के साथ बंद हुए।
वित्त मंत्रालय द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को पुराने दामों पर बकाया प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने के निर्देश के बाद बाजार में गिरावट बढ़ी।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 145 अंक यानी 0.75% की गिरावट के साथ 19,294 पर बंद हुआ। निफ्टी 42 अंक यानी 0.72% गिर कर 5817 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.46% की कमजोरी रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.40% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.04% की मामूली कमजोरी रही। आज के कारोबार में तेल-गैस और ऑटो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ हुई। इस दौरान सेंसेक्स 19,506 और निफ्टी 5879 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार शुरू हो गया। इस दौरान बाजार में एक बेहद सीमित दायरे में कारोबार जारी रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। हालाँकि दोपहर के कारोबार में बाजार हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा, लेकिन जल्द ही बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार में गिरावट बढ़ी। इस दौरान सेंसेक्स 19,238 और निफ्टी 5803 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के अंत में बाजार अपने निचले स्तर से सँभलने में कामयाब रहा। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में लाल निशान पर ही बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज तेल-गैस क्षेत्र को सबसे ज्यादा 1.82% का घाटा हुआ। ऑटो में 1.50%, रियल्टी में 1.32% और पीएसयू में 1.02% की गिरावट रही। पावर-कैपिटल गुड्स दोनों में 0.98% और 0.98%, धातु में 0.91%, एफएमसीजी में 0.65% और बैंकिंग में 0.62% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.95% की मजबूती रही। आईटी में 0.66%, टीईसीके में 0.27% और हेल्थकेयर में 0.11% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 10 जुलाई 2013)
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