रुपये में रिकॉर्डतोड़ गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज तीखी गिरावट के साथ बंद हुए।
कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के 62 के स्तर को पार कर जाने से बाजार पर दबाव बढ़ा। रुपये में भारी गिरावट से आरबीआई द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावनाओं से भी बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। 22 सितंबर 2011 के बाद आज बाजार में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी।
शेयर बाजार में आज आये भूचाल के बारे में तकनीकी विश्लेषक सुनील मिंगलानी (Sunil Minglani) का कहना है कि बाजार अपने हिसाब से चलता है। मौजूदा समय में घरेलू बाजार से दूर रहने की रणनीति ठीक रहेगी। अभी बाजार को सँभलने देना चाहिए। अभी निवेशकों को नयी खरीदारी की सलाह नहीं है। मेरा मानना है कि घरेलू बाजार में और गिरावट आने की संभावना है। अगर निफ्टी 5480 के स्तर पर टिकता है, तो यह थोड़ा ऊपर जा सकता है। इसके विपरित निफ्टी इस स्तर के नीचे फिसलता है, तब यह 5300 तक जा सकता है।
फिनेथिक वेल्थ सर्विसेस के निदेशक, रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग विवेक नेगी (Vivek Negi) का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था से उभरी चिंताओं की वजह से घरेलू बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। आरबीआई के कदमों को बाजार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड स्तर पर पहुँच गया है। इसके साथ ही अब नीतिगत ब्याज दरों के बढ़ने की चर्चा शुरू हो गयी है। रेटिंग एजेंसियों की ओर से भारत की रेटिंग डाउनग्रेड किये जाने की खबरें भी आ रही है। अब ऐसा लग रहा है कि पैसा विकासशील देशों से निकल कर विकसित देशों की ओर जा रहा है। आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में नकारात्मक रुझान के साथ उतार-चढ़ाव नजर आ सकता है। निफ्टी के लिए 5480 का स्तर बहुत महत्वपूर्ण है। अगर यह इस स्तर के नीचे जाता है, तो अगले 2-3 महीनों में यह 5000 या उसके नीचे फिसल सकता है। निफ्टी का अगला लक्ष्य 5200 और उसके बाद 5050 होगा। इसके विपरित मध्यम अवधि में निफ्टी को 5750 से स्तर पर कड़ी बाधा मिलेगी।
सेंसेक्स (Sensex) 19,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) 5500 के स्तर के करीब पहुँच गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 769 अंक यानी 3.97% टूट कर 18,598 पर बंद हुआ। निफ्टी 234 अंक यानी 4.08% गिर कर 5508 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 3.05% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 2.71% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.15% की गिरावट रही। आज के कारोबार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही निफ्टी 5700 के स्तर से नीचे फिसल गया। सेंसेक्स भी 19,000 के स्तर से नीचे चला गया। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार की गिरावट बढ़ी। इस दौरान निफ्टी 5600 के स्तर से भी नीचे लुढ़क गया। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट बढ़ती चली गयी। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार में तेज गिरावट के बीच कारोबार होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार पर दबाव बढ़ा। कारोबार के आखिरी घंटें में बाजार टूटता चला गया। कारोबार के आखिरी मिनटों में निफ्टी 5500 के अहम स्तर से नीचे चला गया। इस दौरान सेंसेक्स 18,560 और निफ्टी 5496 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के अंत में निफ्टी 5500 के ऊपर लौटने में कामयाब रहा। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार के निचले स्तरों से कुछ सँभल कर बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र को सबसे ज्यादा 8.38% का घाटा हुआ। रियल्टी में 6.07%, धातु में 5.56%, बैंकिंग में 5.55%, कैपिटल गुड्स में 4.98%, तेल-गैस में 4.79%, पीएसयू में 4.67%, पावर में 4.50%, एफएमसीजी में 3.83%, टीईसीके में 2.53%, ऑटो में 2.39%, आईटी में 2.26% और हेल्थकेयर में 1.44% की गिरावट रही। (शेयर मंथन, 16 अगस्त 2013)
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