देश की सबसे बड़ी शिप निर्माण करने और रखरखाव करने वाली कंपनी कोचीन शिपयार्ड ने रक्षा मंत्रालय के साथ करार किया है।
कंपनी ने यह करार शिप की मरम्मत के लिए किया है। रक्षा मंत्रालय के साथ यह करार 488.25 करोड़ रुपये का है। इस करार के तहत नैवल वेसल पर रखे गए सिस्टम और उपकरण की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी पर होगी। इस ऑर्डर को वित्त वर्ष2025 की पहली तिमाही तक पूरी होने की उम्मीद है। कंपनी को मिले इस नए कॉन्ट्रैक्ट के बाद ऑर्डर बैकलॉग करीब 21,500 करोड़ होने का अनुमान है। इस नए कॉन्ट्रैक्ट के बाद कंपनी की आय में वृद्धि बढ़ती हुई दिखती है। आपको बता दें कि
शिप मरम्मत का काम कंपनी के लिए ऊंची मार्जिन वाला कारोबार है। ऐसे में इस तरह के नए ऑर्डर मिलने से कंपनी के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। कंपनी को पहले से मिले शिप मरम्मत के कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करने के काम में तेजी देखने को मिली है। कंपनी के ऑर्डर पाइपलाइन में दोनों कारोबार जैसे शिपबिल्डिंग (रक्षा और व्यावसायिक जिसमें निर्यात भी शामिल है) और शिप मरम्मत सेगमेंट से लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है। कंपनी का नया कैपेक्स यानी पूंजीगत खर्च नए ड्राई डॉक और रिपेयर इकाई प्रोजेक्ट्स पर वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है। इससे मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि कोचीन शिपयार्ड मैरीटाइम से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराती है। यह कोच्ची में स्थित है। कंपनी का शेयर 6.32% चढ़ कर 1302 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2023)
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