मेटल माइनिंग के क्षेत्र में काम करने वाली हिन्दुस्तान जिंक ने आज इन्वेस्टर प्रजेंटेशन दिया है। कंपनी की ओर से दिए गए इन्वेस्टर प्रजेंटेशन के मुताबिक वित्त वर्ष FY25 में उत्पादन लागत $1050-1100/टन रह सकता है।
वहीं रिफाइंड मेटल उत्पादन 1075-1100 किलो टन सालाना रहने की उम्मीद जताई गई है। कंपनी के मुताबिक Debari Roaster प्रोजेक्ट को चौथी तिमाही तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं चंदेरिया फर्टिलाइजर इकाई को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही तक (Q2FY26) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए कंपनी 8400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। आपको बता दें कि हिन्दुस्तान जिंक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादन करने वाली कंपनी है। वहीं चांदी का उत्पादन करने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के पास माइनिंग और स्मेलटिंग में करीब 5 दशकों का अनुभव है। पिछले साल में पहली बार वैश्विक स्तर पर जिंक माइनिंग लागत में कमी आई है। 2026 तक 50% पावर का इस्तेमाल रिन्युएबल एनर्जी के माध्यम से करने का लक्ष्य है। एशिया की पहली कंपनी है जो लो कार्बन पर जिंक का उत्पादन करती है। वहीं नामी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से AAA रेटिंग मिली हुई है। भारत की सबसे ज्यादा मार्केट वैल्यू वाली मेटल और माइनिंग कंपनी है जो करीब 2.18 लाख करोड़ रुपये के बराबर है। हिन्दुस्तान जिंक का शेयर 0.94% गिर कर 513.80 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। आपको बता दें कि कंपनी ने 19 रुपये प्रति शेयर के दूसरे अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है। इस पर कंपनी 8028 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
(शेयर मंथन, 23 अगस्त 2024)
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