आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) ने दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। बैंक के मुनाफे में 73% की भारी गिरावट देखने को मिली है। बैंक का मुनाफा 751 करोड़ रुपये से घटकर 201 करोड़ रुपये रह गया है। मुनाफे में भारी गिरावट की वजह माइक्रोफाइनेंस बुक के अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर चोल खाते बैलेंस के लिए प्रोवजनिंग करना रहा है। इसमें अतिरिक्त प्रोविजन को शामिल नहीं किया जाए तो मुनाफा 626 करोड़ रुपये तक पहुंचता।
बैंक का शुद्ध ब्याज आय यानी एनआईआई में 21% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। एनआईआई 3950 करोड़ रुपये से बढ़कर 4788 करोड़ रुपये हो गया है। सालाना आधार पर प्रोविजन में 228% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। प्रोविजन 528 करोड़ रुपये से बढ़कर 1732 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं तिमाही आधार पर प्रोविजन 994 करोड़ रुपये से बढ़कर 1732 करोड़ रुपये हो गया है। बैंक का सकल एनपीए बिना बदलाव के 1.9% रहा है जबकि शुद्ध एनपीए तिमाही आदार पर 0.6% से गिर कर 0.5% के स्तर पर आ गया है। माइक्रोफाइनेंस खाते के लिए 315 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की गई है। महाराष्ट्र आधारित टोल खातों के लिए 253 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की गई है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले राज्य सरकार से पांच टोल पर टैक्स को खत्म करने का ऐलान किया था। बैंक का शेयर 2.49% चढ़ कर 67.13 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 28 अक्टूबर 2024)
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