आर के गुप्ता, एमडी, टॉरस म्यूचुअल फंड
(R.K. Gupta, M.D., Taurus Mutual Fund)
मुझे भारतीय बाजार अभी मजबूत ही लग रहा है, लेकिन अगले हफ्ते वायदा सेट्लमेंट होने के चलते उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है।
छोटी अवधि में निफ्टी 6100 तक चढ़ सकता है। दूसरी ओर इसके 5900 से नीचे फिसलने की आशंका मुझे नहीं लग रही है। सितंबर सीरीज का सेट्लमेंट 6000 के आसपास हो सकता है।
मुझे लग रहा है कि थोड़ी गिरावट के बाद बाजार जमने की कोशिश करेगा। अगर निफ्टी अगले 8-10 दिनों तक 5900 के आसपास टिक जाता है तो अगले महीने बड़ी तेजी आ सकती है।
सरकार ने कल सरकारी प्रतिभूतियों और बॉण्डों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निवेश सीमा बढ़ा कर 10 अरब डॉलर कर दिया है। मुझे लगता है कि इससे शेयर बाजार में एफआईआई के निवेश पर असर पड़ सकता है। करीब 7% के सुनिश्चित रिटर्न की वजह से एफआईआई का नया निवेश सरकारी प्रतिभूतियों और बॉण्डों की ओर मुड़ सकता है। वैसे भी भारतीय बाजार काफी महंगा हो गया है।
म्यचुअल फंडों के पास अभी नया पैसा आना शुरू नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि निफ्टी अगर 5900 के नीचे नहीं जाता है तो अक्टूबर के बाद म्युचुअल फंडों के पास नया पैसा आ सकता है।
मुझे लगता है कि बैंकिंग और आईटी क्षेत्र पर दबाव रह सकता है। एफआईआई निवेश बढ़ने से रुपया और मजबूत हो सकता है, जिससे आईटी और निर्यात पर निर्भर दूसरे क्षेत्रों के शेयरों पर दबाव रहेगा। वहीं तेल-गैस, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग क्षेत्र मजबूत लग रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को 950 रुपये के आसपास खरीदा जा सकता है। कंपनी की गैस की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इससे कंपनी का मुनाफा बढ़ना चाहिए। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एडवांस टैक्स ज्यादा दिया है। बस चिंता है तो ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) की। लेकिन मुझे लगता है कि शेल गैस की बिक्री से इसकी भरपाई हो जायेगी। (शेयर मंथन, 24 सितंबर 2010)
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