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जानकारों की राय

एक साल में 77,000 पर होगा सेंसेक्स

योगेश मेहता

संस्‍थापक, यील्‍ड मैक्सिमाइजर्स

बाजार का परिदृश्य सकारात्मक है। मूल्यांकन उचित स्तरों पर है और आर्थिक वृद्धि स्थिर है। पूँजीगत व्यय (कैपेक्स), कच्‍चे तेल में नरमी, नियंत्रित महँगाई और ब्‍याज दरें भारतीय बाजार के लिए सकारात्‍मक पहलुओं में हैं। लेकिन यदि कोई वैश्विक अनिश्चितता बने या कंपनियों की आय (अर्निंग) को कोई झटका लगे तो बाजार पर नकारात्‍मक असर पड़ सकता है।

फरवरी से ब्‍याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है आरबीआई

मयूरेश जोशी

निदेशक – रिसर्च, विलियम ओ नील इंडिया

मैं भारतीय बाजार के प्रति आशावादी और सकारात्मक हूँ। यह निश्चित रूप से भारत का दशक और सदी है। अर्थव्यवस्था मजबूत है और बैंकिंग प्रणाली भी एक दशक में संपत्ति गुणवत्ता पर सबसे कम दबाव के साथ दमदार है। भारत सबसे कम ऋण-जीडीपी अनुपात वाली वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

पूँजी बचा कर रखें गिरावट पर खरीदारी के लिए

प्रभात मित्‍तल

तकनीकी विश्लेषक

निवेशकों को लाभ का आनंद उठाना चाहिए और अपने पैसे बचाने चाहिए। उन्हें बाजार में गिरावट (करेक्‍शन) आने पर नयी खरीदारी के लिए हमेशा पूँजी बचा कर रखनी चाहिए। आगामी विधान सभा चुनावों का बाजार के लिए काफी महत्व रहेगा और इनका असर नकारात्मक हो सकता है।

बाजार अब उड़ने को है तैयार

अविनाश गोरक्षकर

रिसर्च प्रमुख, प्रॉफिटमार्ट सिक्‍योरिटीज

भारतीय बाजार अब उड़ने के लिए तैयार है। इसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सरकार की ओर से बुनियादी ढाँचे में बहुत बड़े निवेश, मजबूत पूँजीगत निवेश (कैपेक्स) और विदेशी निवेशकों की रुचि से दम-खम मिल रहा है। निवेशकों को मजबूत नकद प्रवाह (कैश फ्लो) और कारोबारी मॉडल वाली अच्छी कंपनियों पर ही केंद्रित रहना चाहिए।

निफ्टी ईपीएस 20% बढ़ेगी 2023-24 में

सिद्धार्थ खेमका

रिटेल रिसर्च प्रमुख, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशिल सर्विसेज

भारतीय बाजार को मजबूत अर्थव्यवस्था, स्वस्थ कॉर्पोरेट आय (अर्निंग), कम उतार-चढ़ाव और एफआईआई की निरंतर खरीदारी का लाभ मिल रहा है। बीते वित्त-वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कंपनियों की आय (अर्निंग) प्रभावशाली रही है। निफ्टी की आय में वृद्धि दर बीती तिमाही में हमारे 14% के अनुमान की तुलना में 16% वार्षिक रही है।

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