निवेशकों की धारणा सकारात्म बनी रहने की उम्मीद है, क्योंकि हर श्रेणी के निवेशक अर्थव्यवस्था सँभलने की उम्मीदें कर रहे हैं।
घरेलू निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ने, सोना वगैरह अन्य संपदा-वर्गों में ठहराव आने और ब्याज दरों में कमी आने से घरेलू संस्थाओं का बड़ा निवेश शेयर बाजार में आ सकता है। बाजार क्रमशः ऊपर बढ़ता रहेगा। हालाँकि मध्य-पूर्व की समस्याओं के चलते तेल के भावों पर असर हुआ है। इसे सावधानी से देखने की जरूरत है, क्योंकि इससे बाजार को खतरा हो सकता है। लेकिन निवेशकों के लिए सरकार के मैत्रीपूर्ण नजरिये को देखते हुए समय के साथ बाजार आगे ही बढ़ना चाहिए। राजेश अग्रवाल, रिसर्च प्रमुख, ईस्टर्न फाइनेंशियर्स (Rajesh Agarwal, Research Head, Eastern Financiers)
(शेयर मंथन, 09 जुलाई 2014)
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