कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में यूनिफॉर्म के बदले हिजाब पहनने से मना करने पर शुरू हुआ विरोध अब देश के तमाम हिस्सों में फैलता दिख रहा है।
क्या यह एक लड़की को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी का मसला है? या यह अपनी मजहबी मान्यताओं पर चलने की आजादी का मसला है? या यह आधी आबादी को पर्दे में कैद रखने की साजिश का हिस्सा है? देखें जानी-मानी पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध, सामाजिक कार्यकर्ता अमाना बेगम अंसारी और सामाजिक विश्लेषक फैयाज अहमद फैजी के साथ राजीव रंजन झा की यह बातचीत।
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(शेयर मंथन, 14 जनवरी 2022)