मोदी सरकार का यह बजट आम लोगों के लिए बड़ी राहतें लेकर आया है। खास कर मध्यम वर्ग के लिए, जो पिछले कई सालों से खुद को हाशिये पर धकेले जाने की शिकायतें कर रहा था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश बजट मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा पहुँचा पाने में कारगर साबित होने वाला है। आय कर (Income Tax) में प्रस्तावित बदलावों के लागू होने से 24 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले लोगों को फायदा होगा।
12 लाख रुपये तक की आय हुई करमुक्त
नयी कर व्यवस्था या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में सबसे पहला बदलाव यह हुआ है कि करमुक्त आय की मूल सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ा कर 4 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी 4 लाख रुपये तक की आय पर अब हर किसी को शून्य आय कर लगेगा।
इसके बाद 4 से 8 लाख रुपये तक के लिए 5%, 8 से 12 लाख रुपये तक के लिए 10%, 12 से 16 लाख रुपये तक के लिए 15%, 16 से 20 लाख रुपये तक के लिए 20%, 20 से 24 लाख रुपये तक के लिए 25% और 24 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% कर की श्रेणियाँ (स्लैब) रखी गयी हैं। हालाँकि, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों को 87ए के तहत 60,000 रुपये तक की छूट (रिबेट) मिल जायेगी। इस तरह 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों को कोई आय कर नहीं देना होगा।
इसके अलावा, वेतनभोगी लोगों (Salaried Class) को 75,000 रुपये की मानक कटौती (Standard Deduction) का भी फायदा मिलेगा। इस तरह, यदि किसी को सालाना 12.75 लाख रुपये तक का वेतन मिलता है और किसी अन्य तरह की आय नहीं है तो उसे आय कर नहीं देना होगा।
12 लाख से अधिक आय वालों को भी लाभ
अभी 15 लाख से ऊपर की वार्षिक आय वालों के लिए आय कर की दर 30% है। लेकिन जिस तरह से आय कर श्रेणियाँ (Tax Slabs) बदली गयी हैं, उसके चलते 12 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों के हाथ में भी ठीक-ठाक अतिरिक्त पैसे बचने वाले हैं।
जैसे, अभी 15 लाख से 24 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों के ऊपर अभी 30% की दर से आय कर लग रहा है। मगर इस बजट प्रस्ताव के तहत नये वित्त-वर्ष में 15 लाख से 16 लाख तक की आय पर केवल 15% टैक्स लगेगा। वहीं 16 से 20 लाख रुपये तक पर 30% के बदले 20% ही आय कर लगेगा और 20-24 लाख रुपये के बीच की आय पर 30% के बदले 25% टैक्स लगेगा।
कुल मिला कर, इन प्रस्तावों से बदलाव से 12 लाख रुपये की सालाना आय वाले करदाताओं को 80,000 रुपये की बचत होगी। वहीं, 18 लाख रुपये की आय वालों को 70,000 रुपये और 25 लाख रुपये तक की आय वालों को 1.10 लाख रुपये की बचत होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश बजट में कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं। वित्त-वर्ष 2025-26 के लिए पेश किये गये बजट की अन्य मुख्य बातें इस प्रकार हैं :
1: सरकार की कुल प्राप्तियाँ 34.96 लाख करोड़ रुपये और कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त-वर्ष में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.8% के बराबर रह सकता है। अगले वित्त-वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% रहने का अनुमान जताया गया है। वित्त-वर्ष 2025-26 में पूँजीगत व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी के 3.1% के बराबर) रहने का अनुमान है।
2: किसानों के लिए नयी योजना ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत होगी। इससे 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है। ‘ग्रामीण समृद्धि एवं लचीला निर्माण’ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम शुरू होगा। इसके पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिले शामिल होंगे। दलहनों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6 साल के खास मिशन की शुरुआत होगी। इसमें अरहर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित होगा। राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू होगा। इसका उद्देश्य उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना है। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ा कर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भी किया गया है।
3: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए वर्गीकरण के मानदंडों में बदलाव किया जायेगा। इसके लिए निवेश की सीमा ढाई गुना और कारोबार (टर्नओवर) की सीमा दो गुना की जायेगी। सूक्ष्म (माइक्रो) उद्यमों को 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड दिये जायेंगे। पहले साल इस तरह के 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी होंगे। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के नये अंशदान के साथ फंड ऑफ फंड्स बनाया जायेगा। बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जायेगी। जूता-चप्पल और चमड़ा क्षेत्रों के लिए विशेष योजना आयेगी। भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र बनाया जायेगा।
4: पहली बार व्यापार करने वाली पाँच लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण (टर्म लोन) उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए नयी योजना शुरू की जायेगी। मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन (National Manufacturing Mission) की स्थापना की जायेगी।
(शेयर मंथन, 01 फरवरी 2025)
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