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निवेशक शिक्षा के नाम पर स्टॉक की सिफारिश नहीं कर सकते फिनफ्लुएंसर, सेबी ने लगायी रोक

सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसरों की बाढ़ से साधारण निवेशकों को बचाने के लिए भारतीय बाजार नियामक एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) निरंतर मुस्तैद है। बाजार नियामक ने फिनफ्लुएंसर्स पर शिकंंजा कसते हुए बुधवार (29 जनवरी) को नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत सोशल मीडिया पर निवेशक शिक्षा के नाम पर फिनफ्लुएंसर स्टॉक टिप्स नहीं दे पायेंगे। 

फिनफ्लुएंसर्स पर सेबी की सख्ती

सेबी ने सर्कुलर जारी किया है जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि अब कोई भी फिनफ्लुएंसर शेयर से जुड़ी जानकारी देते समय सजीव बाजार के आँकड़े नहीं इस्तेमाल करते हैं। वे चाहें तो तीन महीने पुराने आँकड़े दिखा सकते हैं। दरअसल सेबी के पिछले आदेश के बावजूद कई फिनफ्लुएंसर्स अब भी सेबी के पास पंजीकृत नहीं हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय बने हुए हैं। इनके बातों में आकर कई भोले-भाले निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई गँवा भी चुके हैं। सेबी चाहती है कि लोग इनके बहकावे में आकर गुमराह होने से बचें।

सेबी ने दी सफाई

दरअसल सेबी ने 29 जनवरी की देर रात निवेशक शिक्षा को लेकर जारी अपने सर्कुलर पर सफाई दी। सेबी ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति शेयर बाजार से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर दे रहा है तो वो लाइव मार्केट के आँकड़े इस्तेमाल नहीं कर सकता है। वो चाहे तो तीन महीने पुराना डाटा जानकारी देने के संदर्भ में इस्तेमाल में ला सकता है। साथ ही कोई भी फिनफ्लुएंसर स्टॉक टिप्स या सिफारिश नहीं कर सकता है। और न ही किसी तरह का रिटर्न दिलाने का दावा या वादा कर सकता है। इतना ही नहीं वो लाइव मार्केट में ट्रेड करने का तरीका और इसके जरिये स्टॉक टिप्स और ट्रेडिंग कॉल लोगों को नहीं बता सकता है। 

इससे पहले सेबी ने पिछले साल 22 अक्टूबर 2024 को एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर में सेबी ने पंजीकृत और गैर पंजीकृत संस्थानों के बीच साझेदारी पर रोक लगाई थी। सेबी को उम्मीद है इस नए सर्कुलर से फिनफ्लुएंसर्स और सोशल मीडिया पर निवेश के टिप्स देने वालों के न सिर्फ हौसले टूटेंगे बल्कि उन पर पूरी तरह से रोक लगाने में भी मदद मिलेगी।

क्या कहती है सेबी?

सेबी के मुताबिक कोई भी पंजीकृत संस्था अब फिनफ्लुएंसर्स के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रख सकती हैं। फिर उसउ संबंध में मौद्रिक या गैर-मौद्रिक मुआवजा शामिल हो या न हो। ये पूरी तरह से प्रतिबंधित है। साथ ही, ये संस्थाएँ सोशल मीडिया पर मौजूद हों या नहीं, वे किसी भी फिनफ्लुएंसर्स के साथ विज्ञापन नहीं कर सकती हैं। वे अपने चैनल पर भी विज्ञापन नहीं दे सकती हैं। यानी वो किसी तरह की रेवेन्यू शेयरिंग और एफिलेट मार्केटिंग का करार नहीं कर सकते हैं।

हालाँकि सेबी ने ये भी कहा है कि लोगों को शिक्षित करने या जागरूक बनाने पर कोई रोक नहीं है। वो बस इतना चाहती है कि जो भी लोग ये काम करें वे उसके पास पंजीकृत हों। सेबी ने ये भी कहा कि जो भी व्यक्ति शिक्षा देना चाहता है उसे इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो सेबी की ओर से किसी भी तरह की प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल न हो।

(शेयर मंथन, 31 जनवरी 2025)

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