पशुपति सुब्रह्मण्यम, रिसर्च प्रमुख, वेंचुरा सिक्योरिटीज
आज यदि हम पिछले 4-5 कारोबारी सत्रों को देखें, तो भारतीय शेयर बाजारों में यहाँ की अंदरूनी वजहों पर कारोबार की निर्भरता बढ़ी है। यानी हम अमेरिकी शेयर बाजारों से ज्यादा संकेत नहीं ले रहे हैं। मुझे आज के बाजार में कोई सकारात्मक बात नहीं दिख रही। यह या तो कमजोर रहेगा या फिर सपाट रह सकता है।
पिछले कुछ समय से यह साफ-साफ दिख रहा है कि बाजारों में कारोबार की कोई खास मात्रा नहीं आ रही है। इस समय जो दौर चल रहा है, उसमें हमारे शेयर बाजारों को कारोबारियों का बाजार कहना बेहतर होगा। चाहे विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) हों या घरेलू संस्थागत निवेशक, मुझे किसी एक हिस्से का बाजार पर ऐसा दबदबा नहीं दिखता, जो बाजार को खास तरीके से प्रभावित कर सके। मेरे विचार से आने वाले समय में तिमाही और छमाही नतीजों में बैंकिंग क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन रह सकता है। इसलिए निवेशकों को मेरी सलाह यह है कि वे बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में निवेश करें, उनमें भी खास तौर से सरकारी बैंकों में।