शेयर मंथन में खोजें

दूसरी छमाही में निफ्टी की कुल आय 19% घटेगी: इंडिया इन्फो

इंडिया इन्फोलाइन ने कारोबारी साल 2008-09 की दूसरी छमाही में निफ्टी में शामिल कंपनियों का कुल मुनाफा पहली छमाही के मुकाबले 19% कम रहने का अंदेशा जताया है। अगर 2009-10 में निफ्टी कंपनियों के मुनाफे की बात करें, तो यह 2007-08 से भी नीचे जा सकता है। इस ब्रोकिंग फर्म की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009-10 में निफ्टी कंपनियों का कुल मुनाफा बाजार के मौजूदा औसत अनुमान की तुलना में करीब 20% कम हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दबाव वाली स्थिति (स्ट्रेस-केस) के अनुमान ही अब आधार (बेस-केस) अनुमान बनते दिख रहे हैं।

हालांकि इंडिया इन्फोलाइन का यह भी कहना है कि भले ही कंपनियों की आय के अनुमानों का परिदृश्य काफी खराब लग रहा हो, लेकिन बाजार का परिदृश्य उतना खराब नहीं लगता है। ब्रोकिंग फर्म ने इसका कारण यह दिया है कि जिन क्षेत्रों की आय के अनुमानों में काफी कमी होने वाली है, उन क्षेत्रों के शेयर बीते एक साल के दौरान पहले ही 60-80% तक टूट चुके हैं। दूसरा कारण यह बताया गया है कि 2009-10 की अनुमानित आय के हिसाब से 11.5 के पीई अनुपात पर निफ्टी भले ही काफी सस्ता न लग रहा हो, लेकिन वह महंगा भी नहीं होगा, खास कर अगर ब्याज दरों में संभावित कटौती के असर को भी देखा जाये।

इंडिया इन्फोलाइन का मानना है कि आगे चल कर बाजार की चाल इस बात पर ज्यादा निर्भर करेगी कि कारोबारी साल 2009-10 के बाद का परिदृश्य कैसा दिखता है। लेकिन फिलहाल बाजार की तलहटी बनने का संकेत तभी मिलेगा, जब उतार-चढ़ाव कम हो जाये और बुरी खबरों पर बाजार की प्रतिक्रिया हल्की होने लगे। ब्रोकिंग फर्म का यह भी मानना है कि इस माहौल में प्रमुख सूचकांक भले ही कुछ समय तक ढीले बने रहें, लेकिन कई चुनिंदा शेयर बाजार की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

 

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"