प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बुधवार को हुए आतंकी हमलों की निंदा कड़े शब्दों में की है और आतंकवाद का सामना करने के लिए मजबूत और सख्त नेतृत्व की मांग की है। फिक्की के अध्यक्ष और सांसद राजीव चंद्रशेखर ने आतंकवाद से लड़ने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि मुंबई में हुई आतंकी घटना भारत की अर्थव्यवस्था पर हमला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय उद्योग जगत आतंकवाद के प्रति सख्त रवैया अपनाने की बहस से खुद को अलग रखता आया है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम सब आतंकवाद पर बहस में शामिल हों और एक मजबूत सख्त नेतृत्व की मांग करें।
फिक्की के पूर्व अध्यक्ष और वोकहार्ट के सीएमडी हबील खोराकीवाला ने कहा है कि मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवाद एक नए आयाम तक पहुँच गया और वास्तव में एक छोटा युद्ध ही बन गया। पिछले कुछ सालों और महीनों में आंतकी घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं। जयपुर, हैदराबाद, दिल्ली और बेंगलूरु में बम विस्फोट हुए। खोराकीवाला ने कहा कि ऐसी वारदातें बार-बार इसलिए हो रही हैं क्योकि हमने आतंकवाद से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को आतंकवाद का राजनीतिक मुद्दा बनाने के बदले इसे हमारे देश के खिलाफ एक युद्घ की तरह देखना चाहिए और इस युद्ध में एकजुट होकर सामने आना चाहिए।
बिरला ब्रदर्स के निदेशक और फिक्की के पूर्व अध्यक्ष एस के बिरला ने भी सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद के विरुद्ध देश के सभी नागरिकों और विशेष रूप से कॉर्पोरेट जगत को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना चाहिए।
फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जे के पेपर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हर्षपति सिंघानिया ने कहा कि मुंबई में हुई आतंकी घटना हम सबको चौंकाने वाली है। यह एक युद्ध जैसी स्थिति है, जिसका सामना हमें एकजुट होकर करना चाहिए। उन्होंने इस आतंकी घटना का शिकार हुए बहादुर अधिकारियों और निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह सक्षम तंत्र बनाना ही इस घटना में मारे गये लोगों के प्रति सच्ची श्रद्घांजलि होगी।