जुलाई-सितंबर 2008 की तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, जबकि इससे ठीक पहले अप्रैल-जून की तिमाही में 7.9% की विकास दर रही थी। पिछले साल की इसी तिमाही, यानी जुलाई-सितंबर 2007 में 9.3% की ऊँची विकास दर दर्ज हुई थी। केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान करने वाले सभी आठ प्रमुख क्षेत्रों के बढ़ने की दर पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में घटी है।
कंस्ट्रक्शन क्षेत्र पिछले साल की इसी अवधि के 11.8% के मुकाबले इस तिमाही में 9.7% की दर से बढ़ा है। इस साल जुलाई-सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 5% की वृद्धि हासिल हो सकी है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में इस क्षेत्र ने 9.2% की दर से वृद्धि दर्ज की थी। कृषि क्षेत्र पिछले साल की इसी अवधि के 4.7% की तुलना में इस बार केवल 2.7% की दर से बढ़ा है। इस साल की जुलाई-सितंबर की तिमाही में व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट और संचार क्षेत्र में 10.8% की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में इस क्षेत्र ने 11% की दर से वृद्धि दर्ज की थी। माइनिंग और क्वैरिंग क्षेत्र पिछले साल की इसी अवधि के 5.5% की तुलना में इस बार 3.9% की दर से बढ़ा है।
इस साल जुलाई-सितंबर में विद्युत, गैस और जल आपूर्ति क्षेत्र में केवल 3.6% की वृद्धि हासिल हो सकी है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में इस क्षेत्र ने 6.9% की दर से वृद्धि दर्ज की थी। सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवाओं का क्षेत्र पिछले साल की इसी अवधि के 7.7% के मुकाबले इस तिमाही में 7.6% की दर से बढ़ा है, जबकि फाइनेंसिंग, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं का क्षेत्र पिछले साल की इसी अवधि के 12.4% के मुकाबले इस तिमाही में 9.2% की दर से बढ़ा है।