सेंट्रम ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस समय टाटा मोटर्स के लिए जगुआर लैंडरोवर (जेएलआर) को अलग करना ही अच्छा रहेगा। फर्म का मानना है कि जेएलआर का अधिग्रहण टाटा मोटर्स को काफी महँगा पड़ रहा है, ऐसी हालत में इसके लिए बेहतर यही है कि यह जेएलआर को अलग कर टाटा समूह की किसी और कंपनी को स्थानांतरित कर दे।
फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, यदि कंपनी ऐसा करती है, तो इसे 50-70 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा। फर्म ने यह उम्मीद जतायी है कि टाटा मोटर्स द्वारा जेएलआर के उत्तरदायित्व टाटा समूह की किसी और कंपनी को दे दिये जायेंगे। बाजार की कमजोरी के मद्देनजर जेएलआर ब्रांडों की बिक्री में तीखी गिरावट दर्ज की जा रही है।
पिछले एक महीने में टाटा मोटर्स का शेयर भाव 31.1% की उछाल भर चुका है। फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के मौजूदा मूल्यांकन इसके जेएलआर से जुड़े जोखिम को संतुलित करते हैं, ऐसे में फर्म ने टाटा मोटर्स के शेयरों के लिए 'रखें' की रेटिंग बरकरार रखी है।