नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचिबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी। प्राइमइनफोबेस डॉट कॉम के मुताबिक एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 30 जून 2023 को 7.50% से बढ़कर 30 सितंबर 2023 को 7.62% पर पहुँच गयी।
इसके साथ ही, कंपनियों में सरकारी की हिस्सेदारी में भी उल्लेखनीख बढ़त देखने को मिली है और यह पाँच साल के उच्च स्तर 8.79% पर पहुँच गयी है। प्राइमइनफोबेस के मुताबिक स्वामित्व के डायनमिक्स में यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 30 सितंबर 2023 को घटकर चार साल के निचले स्तर 41.55% पर आ गयी है।
प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के मुताबिक 14 साल की अवधि में सरकार की विनिवेश नीति की वजह हिस्सेदारी में 30 जून 2009 को 22.48% से काफी कमी हुई है। हल्दिया इसके लिए कुछ नई लिस्टिंग और निजी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन को भी इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं, जिन्होंने बाजार में सरकार की रुचि में योगदान दिया।
दूसरी तरफ, निजी प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में गिरावट के लिए चढ़ते बाजार का लाभ उठाने के लिए प्रवर्तकों द्वारा हिस्सेदारी बेचने, हल्दिया कुछ नई लिस्टिंग और निजी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन को भी उन कारकों के रूप में मानते हैं, जिन्होंने बाजार में सरकार की रुचि में योगदान दिया।
प्रणव हल्दिया ने कहा, दूसरी ओर, बाजार में तेजी का फायदा उठाने के लिए प्रमोटरों द्वारा हिस्सेदारी की बिक्री, सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों में प्रमोटरों की अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी और बाजार के समग्र संस्थागतकरण के कारण निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी में गिरावट आई है।
आँकड़ों से पता चलता है कि 30 सितंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में संस्थागत निवेशकों की संयुक्त हिस्सेदारी घटकर 34.39 प्रतिशत हो गई, जो 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही में 35.01 प्रतिशत थी।
हालाँकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की हिस्सेदारी 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है और प्राइमइनफोबेस के अनुसार, यह आने वाली तिमाहियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) से आगे निकल जायेगी।
(शेयर मंथन, 11 नवंबर 2023)